सार
CBSE Class 10th Passing Marks: क्या आप जानते हैं कि CBSE 10वीं बोर्ड 2025 में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए? जानें ग्रेडिंग सिस्टम, पासिंग क्राइटेरिया और कम्पार्टमेंट के नियम डिटेल में।
CBSE Class 10th Passing Marks: सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) की कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से 18 मार्च 2025 तक आयोजित की जाएंगी। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं और सबसे बड़ा सवाल होता है कि आखिर 10वीं बोर्ड परीक्षा में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए? आपको बता दें कि CBSE का मार्किंग और ग्रेडिंग सिस्टम थोड़ा अलग होता है, जहां छात्रों को ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या कुल अंक नहीं दिए जाते, बल्कि सब्जेक्ट वाइज मार्क्स और ग्रेड मिलते हैं। इसके अलावा, थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग पास होना जरूरी होता है। अगर आप भी CBSE 10वीं की परीक्षा 2025 में शामिल हो रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप पासिंग क्राइटेरिया, ग्रेडिंग सिस्टम और कम्पार्टमेंट परीक्षा के नियमों को समझें, ताकि आप सही तैयारी कर सकें और परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकें।
CBSE Board Class 10th Exams 2025: परीक्षा शेड्यूल और टाइमिंग
CBSE कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से 18 मार्च 2025 तक चलेंगी। सभी परीक्षाएं सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित होंगी।
CBSE 10वीं पासिंग मार्क्स 2025
CBSE बोर्ड परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को हर विषय में कम से कम 33% अंक लाने होंगे। इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों शामिल हैं। अगर कोई छात्र दो विषयों में फेल हो जाता है, तो उसे कम्पार्टमेंट परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
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CBSE 10वीं का ग्रेडिंग सिस्टम
थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का महत्व-
- कुछ विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों होते हैं, तो दोनों में अलग-अलग 33% अंक लाना जरूरी है।
- इंटर्नल असाइनमेंट के लिए A से E तक ग्रेडिंग दी जाती है।
CBSE 10वीं ग्रेडिंग स्केल
- थ्योरी और प्रैक्टिकल के लिए 9-प्वाइंट स्केल (A1 से E तक) लागू होता है।
- इंटर्नल असाइनमेंट के लिए 5-प्वाइंट स्केल (A से E तक) अपनाया जाता है।
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CBSE 10वीं कक्षा का ओवरऑल मार्किंग सिस्टम, डिवीजन?
CBSE छात्रों को ओवरऑल कुल अंक या डिवीजन नहीं देता। हर विषय में अलग-अलग नंबर और ग्रेड दिए जाते हैं। खास बातें जो CBSE बोर्ड 10वीं के छात्रों को जाननी चाहिए-
- सभी विषयों में 33% अंक जरूरी।
- थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में पास होना अनिवार्य।
- इंटर्नल असाइनमेंट में सिर्फ ग्रेडिंग दी जाती है।
- ओवरऑल टोटल या डिवीजन का सिस्टम नहीं।
- दो विषयों में फेल होने पर कम्पार्टमेंट परीक्षा का ऑप्शन मिलता है।
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