सार
Aero India 2025 - 1998 में बेंगलुरु में एयर इंडिया देखकर प्रेरित हुए एक लड़के ने आज सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के विंग कमांडर के रूप में अपने बचपन के सपने को साकार किया है।
बेंगलुरु . 1998 में बेंगलुरु में एयर इंडिया देखने माता-पिता के साथ आए छठी कक्षा के एक लड़के ने उस दिन जो ठाना था, उसका फल आज देश की शान सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के विंग कमांडर बनकर मिला है। बेंगलुरु के जयमहल के नंदीदुर्ग रोड पर कागज़ के विमान उड़ाते हुए पले-बढ़े अर्जुन अब लड़ाकू विमान में बेहद कठिन करतब दिखाने वाले फाइटर जेट पायलट हैं।
1- अर्जुन कहाँ के रहने वाले हैं? सूर्यकिरण में कैसे शामिल हुए?
जयमहल के नंदीदुर्ग रोड पर मेरा घर है। मेरे पूर्वजों का गाँव भी यही है, इसलिए मैं बेंगलुरु का हूँ। आर.टी. नगर के प्रेसिडेंसी स्कूल और सेंट जोसेफ प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से पढ़ाई के बाद नेशनल डिफेंस अकादमी में शामिल हुआ।
2- फाइटर जेट पायलट बनने का कारण क्या है?
1998 में माता-पिता के साथ बेंगलुरु एयर इंडिया गया था। तब सिंगल एयरक्राफ्ट की उड़ान, ग्रुप फॉर्मेशन देखकर रोमांचित हुआ था। मुझे भी इस तरह पायलट बनने की इच्छा हुई। उसी दिन से इसे अपने जुनून के रूप में अपना लिया।
3- इसके लिए आपकी तैयारी कैसी थी?
मैंने प्री-यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी करके एनडीए ज्वाइन किया। फिर लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए बीदर में ट्रेनिंग दी जाती है। उसे पूरा करके हैदराबाद के आईएफए में ट्रेनिंग ली और वायुसेना में शामिल हो गया। 1000 घंटे की उड़ान के अनुभव के बाद सूर्यकिरण टीम का दरवाजा खटखटाया।
4- सूर्यकिरण टीम में शामिल होने की प्रक्रिया क्या है?
सूर्यकिरण टीम में शामिल होने के लिए न्यूनतम योग्यता 1000 घंटे की लड़ाकू विमान उड़ान है। साथ ही फाइटर इंस्ट्रक्टर, एक्जामिनर के रूप में अनुभव होना चाहिए। फिर अगर आपकी रुचि है तो जाकर संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए एक अलग समिति होती है। हर तरह से परीक्षा लेकर आपका अनुशासन, प्रतिबद्धता, कार्यक्षमता सब कुछ जाँचकर छह महीने की ट्रेनिंग के लिए नियुक्त करते हैं। फिर चयन करते हैं।
5- कुल कितने घंटे उड़ान भर चुके हैं? कौन-कौन से विमान उड़ा चुके हैं?
कुल 17 साल के अनुभव में (ट्रेनिंग सहित 18 साल) 2100 घंटे की लड़ाकू विमान उड़ान भर चुका हूँ। इसमें 400 घंटे तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट स्क्वाड्रन में भी उड़ान भर चुका हूँ। इससे पहले मिग-21, मिग-27 उड़ा चुका हूँ। अब सूर्यकिरण में हॉक लड़ाकू विमान उड़ा रहा हूँ।
6- बेंगलुरु में प्रदर्शन करने का अनुभव कैसा है?
बहुत खुशी हो रही है। फाइटर जेट पायलट बनना मेरी इच्छा थी। लेकिन बेंगलुरु एयर शो में ही प्रदर्शन करना भगवान का दिया हुआ अतिरिक्त वरदान है। मेरे दिल को बहुत अपनापन का एहसास हो रहा है। तरंग शक्ति, गोवा के एयर शो सहित कई जगहों पर प्रदर्शन किया है, लेकिन यह मुझे अतिरिक्त रोमांच दे रहा है।
7- एयर शो के लिए आपकी तैयारी कैसी होती है?
60% एयर शो में उड़ान भरते हैं तो 40% ट्रेनिंग के लिए ही उड़ान भरते हैं। एयर शो खत्म होते ही बीदर एयरबेस पर सब कुछ फिर से समीक्षा करते हैं और की गई गलतियों को सुधारते हैं।