सार
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम लोगों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि इस तिमाही भी रेपो रेट 4 फीसदी पर ही स्थिर रहेंगे और रिवर्स रेपो रेट की दर 3.55 फीसदी पर बरकरार रहेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास के इस ऐलान के बाद आम आदमी को राहत मिलनी तय है, देखें आपको क्या होगा फायदा...
बिजनेस डेस्क । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve bank of india) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग में ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। ये आठवां मौका है जब आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करके इसे स्थिर रखा है।
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मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 4.25 फीसदी रहेगा। 6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने तीन दिनों की मीटिंग के बाद आज इंटरेस्ट रेट जारी किया है।
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछली मीटिंग की तुलना में इस बार देश की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। खपत और एग्री सेक्टर शानदार रिकवरी हुआ है। इंडस्ट्रियल के साथ सर्विस सेक्टर में जल्द ही सुधार की आवश्यकता है।
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रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार
RBI ने उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बरकरार रखा गया है। यह लगातार आठवां मौका है जबकि केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को यथावत रखा है। बता दें कि रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार है, वही रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत पर कायम रखी गई है।
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IMPS की लिमिट अब 5 लाख
आरबीआई ने IMPS की लिमिट 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। अब ग्राहक एक दिन में 5 लाख रुपये तक की राशि हस्तांतरित कर सकते हैं। इससे पहले ये सीमा 2 लाख रुपये की थी। आरबीआई ने ऑफलाइन में रिटेल डिजिटल पेमेंट के लिए फ्रेमवर्क पेश करने का प्रस्ताव रखा है।
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इंडस्ट्री, सर्विस सेक्टर में सुधार की गुंजाइश
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि पिछली मीटिंग की तुलना में इस बार देश की स्थिति बेहतर है। खपत और एग्री सेक्टर की ग्रोथ में अच्छी रिकवरी हुई है। इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में अभी भी सुधार की गुंजाइश है। बता दें कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने वित्त वर्ष 2021 के लिए GDP की ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी पर बरकरार रखी है।
6 अक्टूबर को हुई मीटिंग की दी गई जानकारी
रिजर्व बैंक (Reserve bank of india) की मौद्रिक समीक्षा नीति (RBI Monetary Policy) की बैठक 6 अक्टूबर को हुई थी, इसके बाद 8 अक्टूबर को विभिन्न आंकड़े जारी किए गए हैं। केंद्रीय बैंक ने इससे पहले मई, 2020 में रेपो दर (Repo Rate) में बदलाव किया था। मई महीने में आरबीआई ने रेपो रेट्स में 0.40 फीसदी की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो रेट घटकर 4 फीसदी हो गया था।