Zerodha Co-Founder Nitin Kamath on Stock Market: जीरोधा के को-फाउंर और CEO नितिन कामथ ने शेयर बाजार में चल रही भारी गिरावट के बीच एक बड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर शेयर बाजार में तेज गिरावट आती है, तो निवेशक बाजार से लंबे समय क लिए छिटक सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे रिटेल इन्वेस्टर्स ने उन्होंने 2008 में आई महामंदी के बाद किया था।
शेयर बाजार के सामने कई बड़ी चुनौतियां
जीरोधा के नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कुछ आंकेड़े शेयर करते हुए कहा- 2008 से 2014 के बीच इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम्स में नेट फ्लो में भारी गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा- पिछले 5 साल में देखा गया है कि रिटेल इन्वेस्टर्स शेयर बाजार में लगातार खरीदी कर रहे थे। बाहरी जोखिमों और वैश्विक बाधाओं के बीच लगातार 'गिरावट में खरीदारी' करने के बाद रिटेल इन्वेस्टर्स 2020 से 2024 के बीच भारतीय शेयर बाजार की रैली की रीढ़ रहे हैं। हालांकि, बाजार में जारी तेज गिरावट के चलते वो इससे लंबे समय के लिए दूरी बना सकते हैं।
क्यों आई थी 2008 की महामंदी?
अमेरिका में लेहमैन ब्रदर्स के पतन और सब-प्राइम मॉर्गेज संकट के चलते वैश्विक महामंदी की शुरुआत हुई। जनवरी, 2008 में 21206 के अपने उच्चतम स्तर से अक्टूबर 2008 तक सेंसेक्स 60% से ज्यादा गिरकर 8160 पर आ गया था। हालांकि, बाद में सरकार की इंसेंटिव स्कीम्स, रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप और ग्लोबल लिक्विडिटी के चलते 2009 की शुरुआत से इस मंदी से उबरने में काफी हद तक मदद मिली।
शेयर बाजार में क्यों आई भारी गिरावट?
पिछले कुछ हफ्तों से शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 60 से ज्यादा देशों पर लगाया रेसिप्रोकल टैरिफ है। इसके चलते दुनिया की दो महाशक्तियों अमेरिका-चीन में ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर 104 प्रतिशत का टैरिफ लगाया, जो पहले 54 प्रतिशत तक था। इस पर चीन ने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 34% टैरिफ लगा दिया। इसके जवाब में ट्रंप ने 50% का एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया, जिस पर पलटवार करते हुए चीन ने अमेरिका पर 84% का टैरिफ लगा दिया। दोनों देशों में बढ़ते व्यापारिक तनाव का असर पूरी दुनिया पर महंगाई और मंदी के रूप में सामने आ सकता है। इसी डर के चलते पूरी दुनिया के शेयर बाजार सहमे हुए हैं।