सार

Trump Tariff Impact: शेयर बाजार में भारी गिरावट! ट्रंप के टैरिफ फैसले से निवेशकों में डर। ऑटो, फार्मा सेक्टर पर ज्यादा असर। ग्लोबल मार्केट में भी अनिश्चितता का माहौल।

Trump Tariff Impact on Share Market: नए वित्त वर्ष के पहले ही दिन यानी 1 अप्रैल 2025 को शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। दोपहर 3 बजे तक सेंसेक्स जहां 1383 प्वाइंट लुढ़क गया, वहीं निफ्टी में भी 360 अंकों की गिरावट है। बैंक निफ्टी भी 740 अंक टूट गया है, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 394 अंकों की भारी गिरावट देखी जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका में टैरिफ को लेकर ग्लोबल लेवल पर चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसका असर शेयर बाजार पर दिख रहा है। जानते हैं बाजार में गिरावट की 4 सबसे बड़ी वजहें।

वजह नंबर 1 - टैरिफ को लेकर होनेवाला बड़ा फैसला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर बड़ा फैसला करनेवाले हैं। उनके इस फैसले का असर ग्लोबल लेवल पर पड़ेगा। इसका असर मंगलवार 1 अप्रैल को बाजार पर भी देखने को मिला। अमेरिका में टैरिफ को लेकर निवेशक काफी डरे हुए हैं और जमकर बिकवाली कर रहे हैं।

वजह नंबर 2 - किन सेक्टर पर पड़ेगा टैरिफ का ज्यादा असर

ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ का ज्यादा असर ऑटो, फार्मा, टेक्सटाइल और अल्कोहल सेक्टर पर पड़ने की संभावना है। ऐसे में इन सेक्टर के शेयरों में ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं, डिफेंस और ऑयल-गैस सेक्टर पर इसका असर कम दिखेगा। बता दें कि ट्रंप कह चुके हैं कि वो मोटर व्हीकल पर 25% टैरिफ लगाएंगे।

वजह नंबर 3 - ग्लोबल मार्केट में भी अनिश्चितता

ट्रंप के टैरिफ का खौफ इतना है कि ग्लोबल मार्केट में भी अनिश्चितता बनी हुई है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को 'लिबरेशन डे' नाम दिया है। दुनियाभर के निवेशकों में इससे डर का माहौल है और वो काफी सतर्क हो गए हैं। इसके चलते वैश्विक बाजारों में वोलैटिलिटी देखने को मिल रही है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि टैरिफ के सख्त कदमों की वजह से बाजार में सेलिंग प्रेशर की बड़ी लहर आ सकती है।

वजह नंबर 4 - एवरेज 15% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का अनुमान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बारे में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान जताया है कि वो औसतन 15 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगा सकते हैं। इसके डर से ग्लोबल ट्रेड फ्लो पर गंभीर असर देखने को मिल सकता है। इन्हीं चिंताओं के चलते बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है।