चांदी की कीमतें बढ़कर ₹1 लाख प्रति किलो से ज़्यादा हो गई हैं! भू-राजनीतिक तनाव, सप्लाई में रुकावट और औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी की वजह से ये तेज़ी देखी जा रही है। चीन में बढ़ती मांग और निवेशकों का रुझान भी इसके पीछे है।
Silver Price Hike: भारत में चांदी की कीमत 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई है। 28 जून को चांदी की कीमत 1,07,800 प्रति किलो थी। ऐसा बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा, बढ़ती औद्योगिक मांग (विशेष रूप से चीन से) और रुपए की कीमत में उतार-चढ़ाव के चलते हुआ है।
1- स्थिर रहा है चांदी का खनन
आपूर्ति और मांग में असंतुलन ग्लोबल मार्केट में चांदी की कीमतों को प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण नियमों, मजदूरों की कमी और लैटिन अमेरिका जैसे प्रमुख खनन क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनाव के कारण चांदी का खनन अपेक्षाकृत स्थिर रहा है।
2-उद्योग में बढ़ी चांदी की मांग
उद्योग से जुड़े काम में चांदी का इस्तेमाल बढ़ा है। लोग निवेश के लिए भी चांदी खरीद रहे हैं। इसके चलते इसकी मांग बढ़ी हुई है। चांदी इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनलों और इलेक्ट्रिक वाहनों में एक महत्वपूर्ण घटक है। जैसे-जैसे दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है, चांदी की मांग भी बढ़ रही है। अकेले सोलर इंडस्ट्री में वैश्विक चांदी की खपत का लगभग 15% हिस्सा है। देशों द्वारा ग्रीन एनर्जी टारगेट बढ़ाने के साथ, यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है।
3- चीन में चांदी का आयात बढ़ा
चीन में चांदी की मांग बढ़ गई है। इसके चलते दुनिया भर में इसकी कीमत बढ़ी है। सौर ऊर्जा और 5G तकनीक में चीन के आक्रामक विस्तार ने चांदी के आयात में वृद्धि की है। ऐसी भी खबरें हैं कि चीनी निवेशक घरेलू आर्थिक अनिश्चितता और चीनी मुद्रा की कीमत कम होने से बचाव के लिए चांदी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उद्योग और निवेश की ओर से इस दोहरी मांग ने कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया है।
4- डॉलर में उतार-चढ़ाव
सोने की तरह चांदी की कीमत भी वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर में तय होती है। कमजोर डॉलर आमतौर पर चांदी की कीमतों को बढ़ाता है। यह अन्य मुद्राओं में सस्ती हो जाती है। हालांकि, हाल ही में डॉलर में उतार-चढ़ाव हुए हैं, जिसने चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव को जटिल बना दिया है।
5-सुरक्षित निवेश के लिए चांदी खरीद रहे लोग
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की गई है। इससे मुद्रास्फीति के कारण वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा हो गई है। सुरक्षित निवेश की तलाश कर रहे निवेशकों ने मुद्रास्फीति और मुद्रा जोखिम से बचने के लिए चांदी सहित कीमती धातुओं की ओर रुख किया है। इससे चांदी की कीमतों में और उछाल आया है। भारत में डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से चांदी की कीमतों में तेजी आई है। कमजोर रुपए के कारण चांदी जैसी आयातित वस्तुएं महंगी हो जाती हैं, जिससे घरेलू कीमतें बढ़ जाती हैं।