सार

तुहिन कांत पांडे सेबी के नए चीफ नियुक्त हुए हैं। 28 फरवरी को माधुरी पूरी बुच  के रिटायर होने के बाद इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा

New SEBI Chief : तुहिन कांत पांडे, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) के नए चीफ बन गए हैं। वित्त सचिव पद पर रहे तुहिन का कार्यकाल तीन साल का होगा। वो मौजूदा सेबी चीफ माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) की जगह लेंगे, जो 28 फरवरी को ही रिटायर हो रही हैं। माधुरी बुच 2017 से 2022 तक सेबी की मेंबर रहीं। वह अपने सख्त स्वभाव के लिए भी जानी जाती हैं। वित्त मंत्रालय ने नए चेयरमैन के लिए 27 जनवरी को आवेदन मांगी थी। जिसके बाद तुहिन पांडे को नए सेबी चेयरपर्सन की जिम्मेदारी सौंपी गई। ऐसे में चलिए जानते हैं तुहिन कांत पांडे की सैलरी, पावर और करियर बैकग्राउंड...

तुहिन कांत पांडे कौन हैं 

तुहिन कांत पांडे (Tuhin Kanta Pandey) ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं। 7 सितंबर 2024 को उन्हें वित्त सचिव पद पर नियुक्त किया गया था। मोदी 3.0 सरकार में देश के सबसे बिजी सचिवों में से एक हैं। अभी केंद्र सरकार में चार महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

सेबी चीफ की सैलरी कितनी होगी 

नए सेबी चीफ को केंद्र सरकार के सचिव (Secretary) लेवल की ही सैलरी और बाकी सुविधाएं दी जाती हैं। बिना कार और घर के सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडे की सैलरी (SEBI Chief Salary) 5,62,500 रुपए मंथली होगी।

तुहिन कांत पांडे का करियर बैकग्राउंड 

तुहिन पांडे पंजाब यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और अंग्रेजी में मास्टर हैं। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से उन्होंने MBA किया है। एयर इंडिया, नीलांचल इस्पात के प्राइवेटाइजेशन और LIC के IPO में अहम रोल रहा है। 2021 में कुछ समय के लिए मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविशन में बतौर सचिव भी काम कर चुके हैं। तब उन्होंने एयर इंडिया को टाटा ग्रुप (Tata Group) को बेचने में अहम भूमिका निभाई थी।

नए सेबी चीफ तुहिन पांडे की जिम्मेदारियां

  • इन दिनों बाजार में गिरावट में जारी है। ऐसे में उनकी नियुक्ति बदलाव में कई बदलाव ला सकती है। 
  • इस समय तुहिन पांडे के सामने सबसे बड़ी चुनौती बाजार की स्थिरता बनाना, निवेशकों का भरोसा बढ़ाना और नियमों का पालन करवाना है। 
  • सेबी को और भी ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाना ताकि बाजार में किसी गड़बड़ी को रोका जा सके। 
  • डिजिटल तौर पर सेबी की पॉलिसीज को आधुनिक बनाना।

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