सार
RBI surplus transfer 2025: RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। यह अब तक का सबसे बड़ा RBI लाभांश भुगतान है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और बजट के लिए अहम साबित हो सकता है।
RBI surplus transfer 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ (₹2,68,590.07 करोड़) का सरप्लस ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। यह अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक ट्रांसफर है, जो शुक्रवार को RBI की सेंट्रल बोर्ड की 616वीं बैठक में स्वीकृत हुआ।
पिछले वर्षों से तुलना
मार्च 2024 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए RBI ने सरकार को ₹2.1 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर किया था। वहीं 2018-19 से 2021-22 के दौरान कोविड-19 और अन्य आर्थिक कारणों से सरप्लस ट्रांसफर तुलनात्मक रूप से कम रखा गया था।
CRB बढ़ाकर 7.5% किया गया
बोर्ड ने Contingent Risk Buffer (CRB) को बढ़ाकर 7.5% करने का निर्णय लिया है। FY 2022-23 में CRB 6% और FY 2023-24 में 6.5% था। RBI ने बताया कि यह निर्णय व्यापक मैक्रोइकोनॉमिक आकलन के बाद लिया गया है।
आर्थिक समीक्षा और अनुमोदन
बैठक में वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य, जोखिम, और वित्तीय वर्ष 2024-25 की गतिविधियों की समीक्षा की गई। साथ ही RBI की वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को भी स्वीकृति दी गई।
विशेषज्ञों की राय
IDFC FIRST Bank की चीफ इकोनॉमिस्ट गौरा सेनगुप्ता ने कहा: RBI का डिविडेंड हमारी उम्मीदों के अनुसार रहा। यह करीब ₹2.7 ट्रिलियन है। केंद्र सरकार ने FY26 के बजट में RBI और PSUs से ₹2.6 ट्रिलियन का डिविडेंड अनुमानित किया है। इस बार की कमाई में फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शंस से हुई आय ने योगदान दिया होगा।
इस फैसले का क्या असर होगा?
- सरकारी खर्च को मिलेगा बल: इस रिकॉर्ड सरप्लस से सरकार की सामाजिक योजनाओं और बुनियादी ढांचे पर खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
- राजकोषीय घाटा कम करने में सहायक: उच्च राजस्व प्राप्ति से सरकार के बजट घाटे को नियंत्रित करना आसान होगा।
- बाजार में सकारात्मक संकेत: इससे निवेशकों को अर्थव्यवस्था की मजबूती का भरोसा मिलेगा और बाजार को स्थिरता का संदेश मिलेगा।