सार
RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर करने का ऐलान किया है, जो पिछले साल (₹2.10 लाख करोड़) से करीब 28% ज्यादा है। यह अब तक का सबसे बड़ा और रिकॉर्ड सरप्लस ट्रांसफर है।
RBI Surplus Transfer 2025 : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सरकार के खजाने में बड़ा योगदान देने का ऐलान किया है। वित्त वर्ष 2025 के लिए RBI ने ₹2.69 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर करने का फैसला किया है। ये अब तक का सबसे रिकॉर्ड लेवल का सरप्लस है, जो सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय संतुलन को मजबूत करेगा। ये सरप्लस पिछले साल की तुलना में करीब 28% अधिक है। FY24 यानी वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्रीय बैंक ने केंद्र सरकार को ₹2.10 लाख करोड़ सरप्लस ट्रांसफर किए थे, जबकि इस बार ट्रांसफर आंकड़े ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
कब मिलेगा ये पैसा
ये सरप्लस ट्रांसफर वित्त वर्ष 2025 का है, लेकिन इसका असर सरकार के बही-खातों में FY26 के दौरान देखने को मिलेगा। यानी अगला बजट जब तैयार होगा, तब ये राशि सरकार के काम आएगी और कई बड़ी योजनाओं को फंड करने में मदद करेगी। RBI बोर्ड की 616वीं बैठक में इस सरप्लस ट्रांसफर की मंजूरी दी गई। यह बैठक मुंबई में हुई थी और इसमें RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) समेत बोर्ड के कई अहम सदस्य मौजूद थे।
RBI का सरप्लस ट्रांसफर: 5 साल में सरकार को कब कितना पैसा मिला
2024-25- ₹2,68,590 करोड़
2023-24- ₹2,10,874 करोड़
2022-23- ₹87,416 करोड़
2021-22- ₹30,307 करोड़
2020-21- ₹99,122 करोड़
सरप्लस क्या क्या है
सरप्लस का मतलब है RBI की कुल आय और उसके खर्चों के बीच का अंतर। जब रिजर्व बैंक की कमाई उसके खर्चों से ज्यादा होती है, तो वह अतिरिक्त रकम सरकार को ट्रांसफर करता है। हालांकि, यह ट्रांसफर RBI एक्ट 1934 की धारा 47 के अंतर्गत होता है, जिसमें स्पष्ट नियम हैं कि कितना सरप्लस सरकार को देना है। RBI अपनी कमाई में से एक हिस्सा रिजर्व फंड और संभावित जोखिमों के लिए सुरक्षित रखता है और बाकी सरप्लस को सरकार को सौंप देता है। यही रकम सरकार के लिए 'अतिरिक्त फंडिंग' के रूप में काम करती है, जिससे फाइनेंशियल डेफिसिट को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।