सार

रेल बजट 2025 में रेलवे को ₹2,65,200 करोड़ का आवंटन। महाराष्ट्र को सबसे ज़्यादा ₹23,778 करोड़ मिले, उसके बाद उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश। बजट का फोकस यात्री सुरक्षा, कवच ATP और रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर।

Railway Budget 2025: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार के बजट में भारतीय रेलवे (Indian Railways) को अब तक का सबसे बड़ा अलॉटमेंट (Railway Budget Allocation 2025) मिला है। इस साल रेलवे को 2,65,200 करोड़ रुपए मिले हैं।

बजट में रेलवे का फोकस यात्री सुरक्षा, कवच ATP (Automatic Train Protection System) के लगाने के अलावा अन्य बुनियादी ढांचे के कार्यों जैसे रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास, देश के सुदूर कोने तक अपने नेटवर्क का विस्तार पर है।

रेल बजट 2025 का राज्यवार आवंटन

सोमवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल बजट 2025 के राज्यवार आवंटन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बजट से मिले पैसे का इस्तेमाल रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, विद्युतीकरण, रेल लाइनों के दोहरीकरण और अन्य बुनियादी ढांचे को विकसित करने में होगा। रेल मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान भारतीय रेलवे को विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बनाने पर है। यह आर्थिक विकास के साथ ही रोजगार सृजन में भी योगदान देता है।

राज्यों को रेल बजट से मिले आवंटन की बात करें तो सबसे अधिक पैसा महाराष्ट्र को मिला है। यहां रेलवे द्वारा 23778 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश, (19858 करोड़ रुपए), गुजरात (17155 करोड़ रुपए) और मध्य प्रदेश (14745 करोड़ रुपए) का स्थान है।

यह भी पढ़ें- बजट पर किया कंगाल! अब करेगा मालामाल..क्यों उड़ने को तैयार है रेल Stock

रेल बजट में किस राज्य को मिला कितना पैसा

  • उत्तर प्रदेश- 19858 करोड़ रुपए
  • गुजरात- 17155 करोड़ रुपए
  • पश्चिम बंगाल- 13955 करोड़ रुपए
  • असम और पूर्वोत्तर के राज्य- 10440 करोड़ रुपए 
  • जम्मू-कश्मीर- 844 करोड़ रुपए
  • आंध्र प्रदेश- 9417 करोड़ रुपए
  • बिहार – 10066 करोड़ रुपए
  • छत्तीसगढ़- 6925 करोड़ रुपए
  • दिल्ली- 2593 करोड़ रुपए
  • गोवा – 482 करोड़ रुपए
  • हरियाणा- 3416 करोड़ रुपए
  • हिमाचल प्रदेश – 2716 करोड़ रुपए
  • झारखंड– 7302 करोड़ रुपए
  • कर्नाटक– 7559 करोड़ रुपए
  • केरल– 3042 करोड़ रुपए
  • मध्य प्रदेश– 14745 करोड़ रुपए
  • ओडिशा– 10559 करोड़ रुपए
  • पंजाब– 5421 करोड़ रुपए
  • राजस्थान– 9960 करोड़ रुपए
  • तमिलनाडु– 6626 करोड़ रुपए
  • तेलंगाना– 5337 करोड़ रुपए
  • उत्तराखंड– 4641 करोड़ रुपए