सार
Parliament Budget Session 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को आयकर विधेयक (Income Tax Bill) पेश करेंगी। 622 पन्नों के इस विधेयक में 536 धाराएं हैं। इससे 64 साल पुराना मौजूदा कानून खत्म हो जाएगा। नए विधेयक में आयकर से जुड़े नियमों को सरल भाषा में बताया गया है। मूल्यांकन वर्ष खत्म करने की बात कही गई है। इसके साथ ही टैक्स ईयर की परिभाषा तय की गई है।
नए विधेयक में मौजूदा प्रावधानों में कोई बड़ा संरचनात्मक परिवर्तन नहीं किया गया है। फाइलिंग की समयसीमा में बदलाव नहीं किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार कानून समझने में आसान होने से इनकम टैक्स को लेकर मुकदमेबाजी कम होगी।
संसदीय पैनल को भेजा जा सकता है आयकर विधेयक
नए विधेयक में टीडीएस प्रावधानों, अनुमानित कर दरों और मूल्यांकन के लिए समय सीमा से संबंधित तालिकाएं दी गईं हैं। पुरानी और जटिल भाषा को काफी हद तक हटाया गया है। विधेयक को और अधिक विचार-विमर्श के लिए संसदीय पैनल को भेजे जाने की संभावना है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि नए कानून को अगले अप्रैल से लागू किया जाए। हालांकि, सीतारमण ने कहा था कि परामर्श की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
नए आयकर विधेयक में है इन बदलावों की अपेक्षा
छोटा और आसान टैक्स कानून: वर्तमान आयकर अधिनियम में 52 अध्याय और 1,647 पेज हैं। नए विधेयक में 23 अध्याय और 622 पेज होंगे। अनावश्यक धाराएं हट जाएंगी। इसे समझना आसान होगा।
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'टैक्स ईयर' की शुरुआत: नए विधेयक में एक बड़ा बदलाव 'टैक्स ईयर' शब्द की शुरुआत है। वर्तमान में आयकर की गणना के लिए वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) का इस्तेमाल किया जाता है। मूल्यांकन वर्ष वह वर्ष होता है जिसमें टैक्स रिटर्न का मूल्यांकन किया जाता है। नया विधेयक इस भ्रम को दूर करेगा और एक 'टैक्स ईयर' अवधारणा को पेश करेगा।
निवास नियमों में बदलाव नहीं: कोई व्यक्ति भारत में निवासी है, अनिवासी है या सामान्य रूप से निवासी नहीं है, यह तय करने वाले नियम वही रहेंगे।