OLA ने कैब ड्राइवर्स के लिए ज़ीरो कमीशन मॉडल की घोषणा की है। अब ड्राइवर्स को पूरी कमाई मिलेगी और कंपनी कमीशन नहीं लेगी। क्या है ये नया मॉडल, जानिए पूरी जानकारी।

Ola Cab Driver Commission: ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर ओला ने 17 जून को एक ऐसा फैसला लिया, जिसका सीधा फायदा देश के लाखों कैब ड्राइवरों को होनेवाला है। ओला का कहना है कि वो अब कैब ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लेगा। यानी कंपनी के इस फैसले के बाद ड्राइवर अब किसी भी राइड से मिले पूरे पैसे अपने पास रख सकेंगे और उन्हें ओला को किसी तरह का कमीशन नहीं देना पड़ेगा। ओला के इस ऐलान से कैब ड्राइवरों की कमाई में अच्छा-खासा इजाफा होगा। ये नियम ऑटो-रिक्शा, बाइक और कैब सर्विसेज पर लागू होगा।

क्या है ओला का जीरो कमीशन मॉडल?

ओला का 0% कमीशन मॉडल एक बिजनेस स्ट्रैटेजी है, जिसमें कंपनी अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए पहले ड्राइवरों से हर एक राइड पर कुछ कमीशन (15 से 30% तक) चार्ज करती थी। उदाहरण के लिए किसी राइड का किराया 500 रुपये है और ओला का कमीशन 20% है तो ड्राइवर को 400 रुपये मिलते थे और 100 रुपये ओला कंपनी लेती थी। हालांकि, अब उनसे कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा। यानी अब ड्राइवर अपनी मर्जी से बिना किसी कटौती के पूरा किराया रख सकते हैं। बता दें कि ओला के इस फैसले का फायदा देशभर के 10 लाख से ज्यादा कैब ड्राइवरों को होगा।  

कमीशन की जगह होगी ये व्यवस्था

ओला कंपनी 0% कमीशन मॉडल के तहत अब हर राइड पर ड्राइवर से कोई कमीशन नहीं लेगी। लेकिन अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के एवज में उनसे फीस के तौर पर एक फिस्क्ड अमाउंट या सब्सक्रिप्शन फीस चार्ज करेगी। ओला द्वारा चार्ज किया जाने वाला फिक्स अमाउंट डेली, वीकली या फिर हर एक राइड के आधार पर हो सकता है।

ट्रांसपोर्ट सिस्टम की रीढ़ हैं कैब ड्राइवर

ओला कंज्यूमर के प्रवक्ता के मुताबिक, कैब ड्राइवरों का कमीशन हटाने से उनकी कमाई में इजाफा होगा और उनके अधिकार भी बढ़ेंगे। ड्राइवर पार्टनर्स ट्रांसपोर्ट सिस्टम की रीढ़ हैं। उन्हें अपनी कमाई पर पूरा कंट्रोल देने से देशभर में एक मजबूत और टिकाऊ बिजनेस नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी। ओला का कहना है कि ड्राइवर्स को उनकी कमाई पर पूरा हक मिलना चाहिए। इससे वे ज्यादा उत्साह के साथ काम करेंगे।