महंगाई चुपके से आपकी बचत को खा जाती है। 20 साल बाद ₹1 करोड़ की कीमत सिर्फ़ ₹25 लाख रह जाएगी! क्या आप रिटायरमेंट के लिए तैयार हैं?
Inflation: एक हिंदी फिल्म का गाना है 'सखी सैंया तो खूब ही कमात है महंगाई डायन खाए जात है'। आज जिस तरह की महंगाई है यह गाना सभी लोगों के जीवन पर सटीक बैठती है। महंगाई धीरे-धीरे चुपके से आपकी बचत खा जाती है। आज अगर आपके पास 1 करोड़ रुपए है तो 20 साल बाद उसकी वैल्यू सिर्फ 25 लाख रुपए जितनी रह जाएगी।
महंगाई या मुद्रास्फीति का मतलब है समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में वृद्धि है। 5 या 7 प्रतिशत की सालाना वृद्धि छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन समय के साथ यह बढ़ती जाती है। यह आम लोगों के खरीदने की शक्ति कम कर देती है।
अगर आने वाले 20 साल तक औसत मुद्रास्फीति दर 7 प्रतिशत प्रति वर्ष रही तो आज के 1 करोड़ रुपए का मूल्य 20 साल बाद केवल 25.84 लाख रुपए होगा। इसका मतलब है कि यदि आप चाहते हैं कि आपकी रिटायरमेंट निधि आज के मूल्यों पर 1 करोड़ रुपए हो तो आपको 20 साल बाद 4 करोड़ रुपए का बजट बनाना होगा।
आम आदमी की बचत पर महंगाई का असर
7% सालाना मुद्रास्फीति रहा तो 20 साल बाद कुछ खर्च इस प्रकार हो सकते हैं:
- आज प्रति वर्ष 1 लाख रुपए स्कूल फीस है तो 20 साल बाद यह 3.87 लाख रुपए हो जाएगी।
- अगर किसी बीमारी आज 5 लाख रुपए की चिकित्सा प्रक्रिया 20 साल बाद 19.35 लाख रुपये की होगी।
- आज प्रति माह 50 हजार रुपये का खर्च 20 साल बाद 1.93 लाख रुपए प्रति माह होगा।
इसलिए, अगर आप 20 साल बाद रिटायर होने की योजना बना रहे हैं और 1 करोड़ रुपए को एक आरामदायक रकम मानते हैं तो दोबारा सोचें। ऐसा संभव है कि जब आप रिटायर हों तब यह आपके बुनियादी खर्चों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त नहीं बचे।
क्या है पैसे की कीमत कम होने के पीछे का गणित?
यदि मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत पर बनी रहती है तो 1 करोड़ रुपये का मूल्य प्रत्येक वर्ष लगभग नीचे दी गई राशियों से कम हो जाता है।
साल | 7 फीसदी मुद्रास्फीति के बाद वैल्यू | खरीदने की शक्त |
0 | 100 लाख रुपए | 100% |
5 | 71.30 लाख रुपए | 71.3% |
10 | 50.75 लाख रुपए | 50.75% |
15 | 36.15 लाख रुपए | 36.15% |
20 | 25.84 लाख रुपए | 25.84% |
इस तरह सिर्फ 20 साल में आपके 1 करोड़ रुपए से वो सब खरीदा जा सकेगा जो आज 25 लाख रुपए से खरीदा जा सकता है। यानी रुपए की कीमत में 74 प्रतिशत की गिरावट आएगी। कई निवेशक तब सुरक्षित महसूस करते हैं जब उनके निवेश से सालाना 7-8 प्रतिशत रिटर्न मिलता है। लेकिन अगर मुद्रास्फीति भी 7 प्रतिशत है, तो उनका वास्तविक रिटर्न शून्य है।