Indian Railways: देश की वो अनोखी ट्रेन जिसमें मुफ्त मिलता है खाना
क्या आपने कभी ट्रेन में फ्री खाना खाया है? जानिए सचखंड एक्सप्रेस के सफर में कैसे मिलती है ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर – वो भी मुफ्त।
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
)
भारतीय रेलवे: सिर्फ सफर नहीं, लाइफ का अहम हिस्सा
भारत में रेलवे सिर्फ यात्रा का जरिया नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा है। रोजाना करोड़ों लोग ट्रेनों से सफर करते हैं – स्कूल, ऑफिस, मंदिर, रिश्तेदारी या टूरिज्म के लिए। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई ट्रेन हो, जिसमें आपको ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मुफ्त में मिले? अगर नहीं सुना, तो मिलिए भारत की एक ऐसी अनोखी ट्रेन से जो ना केवल आपको मंज़िल तक पहुंचाती है, बल्कि पूरे सफर के दौरान भरपूर सेवा भी करती है – और वो भी बिना एक भी पैसा लिए।
सचखंड एक्सप्रेस
इस ट्रेन का नाम है सचखंड एक्सप्रेस, जो महाराष्ट्र के नांदेड़ से पंजाब के अमृतसर तक चलती है। यह ट्रेन दो प्रमुख सिख तीर्थ स्थलों – श्री हजूर साहिब नांदेड़ और श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेम्पल), अमृतसर को जोड़ती है। यह ट्रेन सिर्फ एक पैसेंजर गाड़ी नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा का माध्यम है।
खास बात: सफर में मुफ्त खाना
जहां बाकी ट्रेनों में खाने का भुगतान करना पड़ता है, वहीं सचखंड एक्सप्रेस में यात्रियों को पूरे सफर के दौरान भोजन मुफ्त में दिया जाता है। और यह सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि सफर के हर फेज में – सुबह, दोपहर और रात तीनों समय।सफर में दिए जाने वाले भोजन में कढ़ी-चावल, छोले-भटूरे, खिचड़ी, दाल-चावल, आलू-गोभी की सब्ज़ी, रोटी और अचार शामिल हैं। खाने का मेन्यू समय और जगह के अनुसार बदलता रहता है।
रूट क्या है?
नांदेड़ (महाराष्ट्र) से अमृतसर (पंजाब), इस पूरे सफर में 6 बड़े स्टेशनों पर विशेष व्यवस्था के साथ भोजन यात्रियों को दिया जाता है। कुल दूरी लगभग 2,000 किलोमीटर है। जिसे तय करने में ट्रेन को करीबन 33 घंटे लग जाते हैं। महत्वपूर्ण स्टेशन दिल्ली, भोपाल, परभणी, जालना, औरंगाबाद, मराठवाड़ा हैं।
कौन उठाता है खर्च?
आप सोच रहे होंगे कि इतनी शानदार और निरंतर सेवा का खर्च कौन उठाता है? खाने-पीने की व्यवस्था का सारा खर्चा गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से किया जाता है। इन गुरुद्वारों में आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में दान करते हैं, और उसी धन का उपयोग यात्रियों की सेवा में किया जाता है। इस पूरी पहल के पीछे सिख धर्म की "लंगर" परंपरा की भावना है – जहाँ जाति, धर्म, वर्ग से ऊपर उठकर सभी को भोजन कराया जाता है।
क्या बनाता है इसे खास?
भारत में इकलौती ट्रेन जो तीनों समय भोजन मुफ़्त देती है।
धार्मिक महत्व के दो बड़े केंद्रों को जोड़ती है।
सेवा भाव और श्रद्धा का प्रतीक।