Google अमेरिका के बाहर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अपना सबसे बड़ा डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए तैयार है। कंपनी 10 बिलियन डॉलर (करीब 88,730 करोड़ रुपए) निवेश करेगी। इससे 1,88,220 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
विशाखापत्तनम। गूगल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अमेरिका के बाहर अपना सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने जा रहा है। कंपनी विशाखापत्तनम में एक-गीगावाट का डेटा सेंटर क्लस्टर बनाने के लिए 10 अरब डॉलर (लगभग 88,730 करोड़ रुपए) का निवेश करने की योजना बना रही है।
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (SIPB) ने बुधवार को विशाखापत्तनम में गूगल के ऐतिहासिक हाइपरस्केल डेटा सेंटर को मंजूरी देने की घोषणा की। यह लगभग 10 अरब डॉलर का निवेश है। यह भारत में सबसे बड़े डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर FDI में से एक है।
1,88,220 लोगों को मिलेगा काम
एक्सेस पार्टनरशिप (2025) के स्वतंत्र मूल्यांकन और गूगल के आर्थिक मॉडलिंग के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से ऑपरेशन के शुरुआती पांच सालों (2028-2032) के दौरान GSDP में सालाना औसतन 10,518 करोड़ रुपए का योगदान होने का अनुमान है। साथ ही, इससे कंस्ट्रक्शन, डेटा सेंटर ऑपरेशन, इंजीनियरिंग, आईटी और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में हर साल लगभग 1,88,220 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी।
सीधे ऑपरेशन के अलावा, गूगल क्लाउड के प्रोडक्टिविटी-आधारित प्रभाव से अर्थव्यवस्था में डिजिटल माध्यमों के जरिए सालाना 9,553 करोड़ रुपए (पांच साल में 47,720 करोड़ रुपए) जुड़ने की उम्मीद है। राष्ट्रीय स्तर पर, ऐसे ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हब से 2047 तक 2.1 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू एडिशन और 1 करोड़ नौकरियां पैदा होने का अनुमान है। SIPB ने इस प्रोजेक्ट को आंध्र प्रदेश के आईटी इकोसिस्टम के लिए एक गेम-चेंजर माना है और विशाखापत्तनम को "AI सिटी वाइजाग" के रूप में स्थापित करने को मंजूरी दी है।
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गूगल का डेटा सेंटर आधुनिक आर्थिक बुनियादी ढांचे के लिए एक आधारशिला के रूप में काम करेगा। यह एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग, आईओटी, 5जी और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म को गति देगा। इससे बिजली, फाइबर ऑप्टिक्स, रियल एस्टेट और टेलीकॉम जैसे सहायक क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही, सड़क, बिजली और फाइबर कनेक्टिविटी में सुधार होगा। प्रोत्साहन चरण के बाद एसजीएसटी, बिजली शुल्क और संपत्ति कर के माध्यम से राज्य का राजस्व बढ़ेगा।
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