नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (A.I.) से जुड़े प्रोडक्ट आज तेजी से हमारे जीवन का हिस्सा बनते जा रहे हैं। हर गुजरते दिन के साथ A.I. बेहतर होता जा रहा है। ऐसे में हर किसी के मन में एक सवाल उठता है कि आने वाले दिनों में A.I. नौकरियों को कितना प्रभावित कर सकता है। Goldman Sachs ने इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके अनुसार जेनरेटिव A.I. से 30 करोड़ नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं।
Goldman Sachs की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि A.I. से लेबर मार्केट पर बड़ा असर पड़ने वाला है। अमेरिका और यूरोप में दो-तिहाई नौकरियों को कम से कम कुछ हद तक स्वचालित किया जा सकता है। अमेरिकी कंपनियां अपने वर्कलोड का 25-50% काम इंसान के बदले A.I. से करा सकती हैं। पूरी दुनिया में 30 करोड़ नौकरियों पर A.I. का असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि A.I. से नए अवसर भी पैदा होंगे। इससे श्रम उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है। इससे वैश्विक जीडीपी 7% तक बढ़ सकती है।
A.I. से ये नौकरियां होंगी अधिक प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार A.I. से कुछ नौकरियां दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित होंगी। ऐसी नौकरियां जिनमें बहुत अधिक शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है, उनके प्रभावित होने की संभावना कम है। अमेरिका में ऑफिस और प्रशासनिक सहायता नौकरियां A.I. से सबसे अधिक प्रभावित होंगी। इसे 46 फीसदी तक स्वचालित किया जा सकता है। इसके बाद लीगल वर्क 44% और वास्तुकला और इंजीनियरिंग से जुड़े 37% काम स्वचालित किए जा सकते हैं। लाइफ, फिजिक्स और सोशल साइंस क्षेत्र की 36% और व्यवसाय और वित्तीय संचालन की 35% नौकरियां A.I. से प्रभावित हो सकती हैं।
A.I. से ये नौकरियां होंगी कम प्रभावित
सफाई और रखरखाव क्षेत्र में A.I. से सिर्फ 1 फीसदी नौकरी प्रभावित होगी। इंस्टालेशन, मेंटेनेंस और मरम्मत संबंधी काम 4 फीसदी प्रभावित हो सकते हैं। निर्माणकार्य से जुड़ी नौकरियां 6 फीसदी तक प्रभावित हो सकती हैं। कुल मिलाकर अमेरिका में 25 फीसदी और यूरोप में 24% काम स्वचालित हो सकते हैं।
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इन देशों में सबसे अधिक होगा A.I का असर
रिपोर्ट के अनुसार हांगकांग, इजराइल, जापान, स्वीडन और यू.एस. में A.I का सबसे अधिक असर होगा। वहीं, चीन, नाइजीरिया, वियतनाम, केन्या और भारत में A.I से नौकरियों पर सबसे कम असर पड़ने की संभावना है।