सार
Export Duty on Onions: किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार ने 1 अप्रैल से प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी खत्म करने का फैसला किया है। इससे प्याज की कीमतें घटेंगी और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे।
Onion Export Duty: देश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब वे बिना एक्सपोर्ट ड्यूटी दिए अपने प्याज विदेशों में बेच सकेंगे। सरकार ने 1 अप्रैल से निर्यात शुल्क हटाने का फैसला लिया है। बता दें कि अभी प्याज के निर्यात पर 13 सितंबर 2024 से 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लागू है, जिसे सरकार अगले महीने से खत्म कर रही है।
एक्सपोर्ट ड्यूटी घटने से सस्ती होगी प्याज
बता दें कि एक्सपोर्ट ड्यूटी घटने की खबर से ही प्याज सस्ती होने लगी है। देशभर में प्याज की औसत कीमत करीब 40% तक कम हो गई हैं। वहीं खुदरा कीमतों में भी 10% तक की गिरावट देखी जा रही है। इससे पहले सरकार ने देश में प्याज का स्टॉक बनाए रखने के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगाने के साथ ही 8 दिसंबर 2023 से 3 मई 2024 के बीच प्याज के एक्सपोर्ट पर भी रोक लगा दी थी।
सरकार को क्यों खत्म करनी पड़ी प्याज पर Export Duty
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, सरकार ने प्याज पर निर्यात शुल्क खत्म करने का फैसला इसलिए भी लिया, ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। साथ ही आम जनता के लिए प्याज की कीमतें काबू में रहें। बता दें कि निर्यात प्रतिबंधों के बाद भी वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्याज का कुल निर्यात 17.17 लाख मीट्रिक टन रहा। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 18 मार्च 2025 तक 11.65 लाख मीट्रिक टन प्याज का निर्यात हो चुका है।
देश के अलग-अलग शहरों में प्याज का भाव
शहर | प्याज का भाव (रुपए/किलो) |
दिल्ली | 35-40 |
मुंबई | 40-45 |
बेंगलुरू | 35-40 |
कोलकाता | 40-45 |
चेन्नई | 40-45 |
भोपाल | 25-30 |
हैदराबाद | 35-40 |
पुणे | 40-45 |
पटना | 25-30 |
भारत के इन राज्यों में होती है सबसे ज्यादा प्याज
राज्य | शेयर प्रतिशत में | प्रोडक्शन (मीट्रिक टन) |
महाराष्ट्र | 42.73 | 13301.70 |
मध्य प्रदेश | 15.23 | 4740.6 |
कर्नाटक | 8.93 | 2779.50 |
गुजरात | 8.21 | 2554.7 |
राजस्थान | 4.65 | 1447.9 |
बिहार | 4.42 | 1375.0 |
पश्चिम बंगाल | 2.77 | 861.35 |
आंध्र प्रदेश | 2.32 | 722.90 |
तमिलनाडु | 1.79 | 555.70 |
पिछले साल की तुलना में 18% बढ़ेगी प्याज की फसल
इस साल रबी प्याज का प्रोडक्शन 227 लाख मीट्रिक टन रहने की उम्मी है, जो पिछले वर्ष के 192 लाख मीट्रिक टन से करीब 18 प्रतिशत ज्यादा है। रबी प्याज भारत के कुल प्रोडक्शन का 70-75% होती है। इसकी अच्छी फसल अगले खरीफ सीजन (अक्टूबर/नवंबर) तक कीमतों को बढ़ने से रोकती है। ऐसे में रबी प्यार का बढ़ा हुआ अनुमान आने वाले महीनों में प्याज की के भाव को स्थिर रखने में काफी हद तक मदद करेगा।