कमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में ₹58.50 की कमी। दिल्ली में अब ₹1665 में मिलेगा 19 किलो का सिलेंडर। घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं।
LPG cylinder price: महंगाई की मार सह रहे आम लोगों और होटलवालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 1 जुलाई से 19kg के कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 58.50 रुपए घटा दी है। दाम कम होने के साथ ही अब दिल्ली में एक कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1,665 रुपए हो गई है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि 14.2kg के घरेलु गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके लिए आपको पहले जितना पैसा ही देना होगा।
इससे पहले जून में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 24 रुपए की कटौती की गई थी। इससे कीमत 1,723.50 रुपए पर आ गई थी। अप्रैल में कीमत 1,762 रुपए थी। फरवरी में 7 रुपये की मामूली कटौती के बाद मार्च में 6 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 58.50 रुपए की कटौती किए जाने से छोटे व्यवसायों, विशेष रूप से होटल, रेस्तरां और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। ये रोज के काम के लिए एलपीजी पर निर्भर हैं।
घरेलु गैस सिलेंडर की कीमत नहीं हुई कम
14.2kg के घरेलु गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस समय भारत में करीब 90% LPG की खपत घरों में खाना पकाने में होता है। केवल 10% एलपीजी का इस्तेमाल वाणिज्यिक, औद्योगिक और मोटर वाहन क्षेत्रों में किया जाता है। पिछले दशक में घरेलू एलपीजी कनेक्शनों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। यह अप्रैल 2025 तक लगभग 33 करोड़ तक पहुंच गई है।
आपके शहर में क्या है कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत?
दिल्ली: 1665 रुपए (पहले 1,723.50 रुपए)
नोएडा: 1747.50 रुपए (पहले 1806 रुपए)
कोलकाता: 1769 रुपए (पहले 1,826 रुपए)
मुंबई: 1,616 रुपए (पहले 1,674.50 रुपए)
चेन्नई: 1,881 रुपए (पहले 1,823.50 रुपए)
बेंगलुरु: 1,796.00 रुपए (पहले 1854.50 रुपए)
क्यों हुआ एलपीजी की लागत में बदलाव?
भारत की प्राकृतिक गैस की कीमत कच्चे तेल की टोकरी के 10% के बराबर आंकी गई है। मई 2025 में भारत की कच्चे तेल की टोकरी की औसत लागत गिरकर $64.5 (5,521.45 रुपए) प्रति बैरल हो गई। यह तीन साल में सबसे कम है। इस गिरावट से तेल कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम होने की संभावना है। यदि कच्चे तेल की कीमतें इसी स्तर पर बनी रहती हैं तो तेल कंपनियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में एलपीजी से संबंधित घाटे में लगभग 45% की कमी आ सकती है।