Business Ideas: थोड़ा निवेश करके आप घर या गांव में पोहा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू कर सकते हैं। यह लो-कॉस्ट और हाई-डिमांड बिजनेस है, जिसमें सालाना 1000 क्विंटल प्रोडक्शन से शानदार मुनाफा कमाया जा सकता है। जानिए इसे कैसे शुरू कर सकते हैं..
Poha Business Plan: धान से तैयार होने वाला पोहा आज पसंदीदा नाश्ता बन चुका है। इसकी डिमांड शहर से लेकर गांव तक है। यह सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, कमाई के लिए भी उतना ही जबरदस्त। अगर आप गांव या छोटे शहर में रहकर कोई छोटा, लेकिन मुनाफेदार बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो पोहा बनाने का काम कर सकते हैं। यह पारंपरिक होने के साथ एकदम आसान तकनीक पर आधारित है। इसे ग्रामोद्योग रोजगार योजना (Gramodyog Rojgar Yojana) के तहत सपोर्ट भी मिलता है। सबसे बड़ी बात अगर आप नौकरी करते हैं तो उसे छोड़े बिना भी काम कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं पोहा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (Poha Manufacturing Unit) कैसे शुरू कर सकते हैं और इसमें कितना खर्च आएगा...
पोहा प्रोजेक्ट की पूरी डिटेल्स
| नंबर | डिटेल | जानकारी |
|---|---|---|
| 1 | प्रोडक्ट का नाम | पोहा |
| 2 | कुल प्रोजेक्ट लागत | ₹2,43,000 |
| 2(a) | कैपिटल एक्सपेंडेचर | ₹2,00,000 |
| जमीन | स्वामित्व | |
| बिल्डिंग शेड (500 वर्गफुट) | ₹1,00,000 | |
| उपकरण (पोहा मशीन, छलनी, भट्ठी, पैकिंग मशीन, ड्रम आदि) | ₹1,00,000 | |
| 2(b) | वर्किंग कैपिटल | ₹43,000 |
सालाना प्रोडक्शन का अनुमान
| नंबर | डिटेल | क्षमता (क्विंटल) | रेट (₹/क्विंटल) | कुल मूल्य (₹000 में) |
|---|---|---|---|---|
| 1 | पोहा | 1000 | 859 | 859 |
| कुल | 1000 | 859 | 859 |
मुख्य खर्च और लागत डिटेल्स
कच्चा माल- 6 लाख रुपए
लेबल और पैकिंग- 20,000 रुपए
मजदूरी (कुशल एवं अकुशल)- 50,000 रुपए
सैलरी- 60,000 रुपए
प्रशासनिक खर्च- 15,000 रुपए
ओवरहेड्स- 75,000 रुपए
अन्य खर्च- 5,000 रुपए
कीमत घटने पर (Depreciation)- 15,000 रुपए
बीमा- 2,000 रुपए
ब्याज- 31,590 रुपए
कुल अनुमानित लागत- 8.59 लाख रुपए
वर्किंग कैपिटल रिक्वायरमेंट
| नंबर | डिटेल्स | 100% | 60% | 70% | 80% |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | फिक्स्ड कॉस्ट | 108 | 64.8 | 75.6 | 86.4 |
| 2 | वैरिएबल कॉस्ट | 751 | 450.6 | 525.7 | 600.8 |
| 3 | प्रोडक्शन कॉस्ट | 859 | 515.4 | 601.3 | 687.2 |
| 4 | अनुमानित बिक्री | 1000 | 600 | 700 | 800 |
| 5 | नेट प्रॉफिट | 141 | 84.6 | 98.7 | 112.8 |
| 6 | एक्सपेक्टेड नेट प्रॉफिट | 126 | 70 | 84 | 98 |
इन बातों का रखें ध्यान
ऊपर दिए गए सभी आंकड़े अनुमानित हैं और लोकेशन के अनुसार बदल सकते हैं। अगर बिल्डिंग निवेश की जगह किराए की जगह ली जाए तो कुल प्रोजेक्ट लागत घट जाएगी, प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ेगी और ब्याज का बोझ कम होगा।
क्यों फायदेमंद है यह बिजनेस?
- धान हर जगह आसानी से उपलब्ध होता है।
- मशीनरी और उपकरणों की लागत कम है।
- मार्केट डिमांड लगातार बनी रहती है।
- घरेलू और औद्योगिक दोनों स्तर पर स्केल बढ़ाया जा सकता है।
- महिला उद्यमियों के लिए भी यह बिजनेस सही है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ सूचना और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यहां दी गई जानकारी और डिटेल्स kviconline.gov.in से ली गई हैं। बिजनेस करने से पहले खुद रिसर्च करें और निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या संबंधित विभाग से सलाह जरूर लें।
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