Business Ideas: अगर आप गांव या छोटे शहर में रहकर कम पैसों में अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो 'पापड़ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट' आपके लिए सुनहरा मौका है। यह महिलाओं के लिए सबसे शानदार काम हो सकता है। इससे हर महीने अच्छी कमाई हो सकती है।
Papad Manufacturing Business: हमारे गांवों में पापड़ बनाना कोई नई बात नहीं है। यह एक ऐसी पारंपरिक कला है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। अब यह एक संगठित ग्रामोद्योग बन चुका है। कुरकुरे, स्वादिष्ट और हल्के स्नैक्स के रूप में पापड़ की डिमांड सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, कनाडा, यूके और खाड़ी देशों में भी लगातार बढ़ रही है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने 'ग्रामोद्योग रोजगार योजना' के तहत पापड़ मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट प्रोफाइल तैयार किया है, जिससे महिलाएं और ग्रामीण आंत्रप्रेन्योर कम पैसों में अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
पापड़ यूनिट कितने में शुरू होगी?
प्रोजेक्ट का नाम- पापड़ (PAPAD)
कुल प्रोजेक्ट लागत- ₹2,00,000
1. कैपिटल एक्सपेंडेचर (Capital Expenditure):
जमीन- अपनी
बिल्डिंग शेड (300 वर्ग फुट)- ₹60,000
उपकरण (छलनी, मार्बल टेबल, बेलन, बर्तन आदि)- ₹40,000
कुल खर्च- ₹1 लाख
2. वर्किंग कैबिटल (Working Capital)
वर्किंग कैपिटल- ₹1 लाख
कुल प्रोजेक्ट लागत- ₹2 लाख
सालाना उत्पादन और बिक्री का अनुमान
सालाना उत्पादन और बिक्री के अनुमान के अनुसार, पापड़ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की कुल उत्पादन क्षमता लगभग 272 क्विंटल रहने का अनुमान है। अगर पापड़ का औसत बाजार मूल्य ₹4,000 प्रति क्विंटल माना जाए, तो सालभर में लगभग ₹10.87 लाख की कुल बिक्री हो सकती है। यानी कुल मिलाकर इस बिजनेस से सालाना करीब ₹13.5 लाख तक की बिक्री का अनुमान लगाया जा सकता है।
पापड़ बनाने में खर्चों की पूरी डिटेल्स
कच्चा माल- ₹4 लाख
पैकिंग और लेबल- ₹50,000
मजदूरी (कुशल और अकुशल)- ₹ 4
सैलरी (सुपरवाइजर आदि)- ₹1.44 लाख
प्रशासनिक खर्चे- ₹20,000
ओवरहेड्स- ₹21,000
अन्य खर्चे- ₹25,000
एसेट की वैल्यू घटने की प्रक्रिया- ₹7,000
बीमा- ₹1,000
ब्याज (लोन और अन्य)- ₹26,000
वर्किंग कैपिटल की जरूरत और प्रॉफिट एनालिसिस
फिक्स्ड कॉस्ट- ₹2,03,000
वैरिएबल कॉस्ट- ₹8,84,000
वर्किंग कैपिटल पर साइकिल- 1,08,700
अनुमानित लागत विश्लेषण
| क्षमता उपयोग (%) | 60% | 70% | 80% | 100% |
|---|---|---|---|---|
| फिक्स्ड कॉस्ट | 121.8 | 142.1 | 162.4 | 203 |
| वैरिएबल कॉस्ट | 530.4 | 618.8 | 707.2 | 884 |
| प्रोडक्शन कॉस्ट | 652.2 | 760.9 | 869.6 | 1087 |
| अनुमानित बिक्री | 815.25 | 951.13 | 1087 | 1358.75 |
| ग्रॉस प्रॉफिट | 163.05 | 190.23 | 217.4 | 271.75 |
| नेट प्रॉफिट | 156.00 | 183.00 | 210 | 265 |
महिलाओं के लिए सुनहरा मौका
यह प्रोजेक्ट खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाया गया है। इसमें न मशीनों की भारी लागत है, न बड़ी जगह की जरूरत। बस अच्छा आटा, सही स्वाद और सफाई का ध्यान और आप आसानी से एक लोकल ब्रांड तैयार कर सकती हैं।
मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल को मिलेगा बढ़ावा
पापड़ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट न सिर्फ आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसे सरकारी अभियानों को मजबूत करता है। आज लिज्जत पापड़ जैसी ब्रांड ने यह साबित किया है कि घरेलू हुनर से ग्लोबल मार्केट तक पहुंचना पूरी तरह संभव है।
पापड़ बिजनेस शुरू करने से पहले जरूर बातें
- आंकड़े अनुमानित हैं और क्षेत्र के हिसाब से बदल सकते हैं।
- बिल्डिंग किराए पर लेने से प्रोजेक्ट लागत घटेगी।
- कम ब्याज दर पर KVIC से लोन सुविधा उपलब्ध है।
- पापड़ के फ्लेवर (उड़द, मूंग, चावल, मसाला) बढ़ाकर आप बिक्री बढ़ा सकते हैं।
- महिलाएं SHG (Self Help Group) बनाकर यूनिट चला सकती हैं।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ सूचना और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यहां दी गई जानकारी और डिटेल्स kviconline.gov.in से ली गई हैं। बिजनेस करने से पहले खुद रिसर्च करें और निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या संबंधित विभाग से सलाह जरूर लें।
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