सार
केंद्रीय बजट पेश होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस बीच बजट को लेकर गरमागरम चर्चाएँ भी हो रही हैं। लोग केंद्र सरकार से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं, देखना होगा कि सरकार उन्हें पूरी करती है या नहीं।
एक फरवरी को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Minister Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी। सबकी निगाहें बजट पर टिकी हैं। महंगाई से त्रस्त आम जनता को उम्मीद है कि केंद्र सरकार बजट (Budget) के जरिए उन्हें कुछ राहत देगी। भारत में टैक्स (Tax) का मुद्दा हमेशा चर्चा में रहता है। खासकर बजट पेश होने के करीब आते ही और कुछ दिनों बाद तक टैक्स की चर्चा जोरों पर रहती है।
आमदनी कर (Income Tax) में छूट की उम्मीद : हर बार मिडिल क्लास की सबसे बड़ी उम्मीद आमदनी कर में छूट की होती है। इस बार उम्मीद है कि 10 लाख रुपये सालाना तक की कमाई पर आमदनी कर से छूट मिल सकती है। अगर सरकार आमदनी कर में छूट देती है तो इससे वेतनभोगी और मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत मिलेगी। लोग यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा के प्रीमियम भुगतान पर आमदनी कर छूट की सीमा बढ़ा सकती है।
भारत में सबसे ज्यादा टैक्स किस क्षेत्र में लगता है : भारत में वस्तुओं और सेवाओं को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत अलग-अलग स्लैब में रखा गया है। कुछ सेवाएँ जीएसटी से मुक्त हैं, जबकि कुछ पर जीएसटी लगता है।
28% जीएसटी स्लैब में आने वाली सेवाएँ : जीएसटी को 2017 में लागू किया गया था। उस समय 226 उत्पादों को 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया था। बाद में यह सूची छोटी होती गई। अब इस सूची में 35 उत्पाद हैं। इनमें वे चीजें शामिल हैं जिन्हें लक्जरी या गैर-जरूरी माना जाता है। सीमेंट, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, टायर, मोटर वाहन उपकरण, तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, हवाई जहाज और नौका जैसे खास सामान, पांच सितारा होटलों में सिनेमा टिकट, खाना-पीना 28% जीएसटी के दायरे में आते हैं।
18% स्लैब में आने वाली चीजें : पहले 28% टैक्स स्लैब में शामिल 15 चीजों को 18% टैक्स स्लैब में कर दिया गया है। इसमें वॉशिंग मशीन, 27 इंच का टीवी, वैक्यूम क्लीनर, फ्रिज और पेंट जैसी चीजें आती हैं।
जीएसटी से मुक्त वस्तुएँ : सरकार कुछ चीजों पर जीएसटी नहीं लगाती है। इनमें पेट्रोल और डीजल शामिल हैं। पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं आते। केंद्र और राज्य सरकारें अपने हिसाब से इन पर वैट और दूसरे टैक्स लगाती हैं।
2025 के बजट से उम्मीदें : 2025 के बजट में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार स्लैब में बदलाव करेगी। लेकिन जानकारों का कहना है कि जीएसटी दरों में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना कम है।