India UK Free Trade Agreement से Banarasi, Chanderi कपड़े और Kolhapuri चप्पलों जैसे भारतीय शिल्प उत्पादों को UK मार्केट में मिलेगा ड्यूटी फ्री एक्सेस | महिला उद्यमिता, Gender Equality और Cultural Heritage को मिलेगा नया आयाम | जानें डील के फायदे
India UK Free Trade Agreement: लंदन में गुरुवार को भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर (Keir Starmer) की मौजूदगी में हुए इस समझौते से बनारसी साड़ी, चंदेरी टेक्सटाइल और कोल्हापुरी चप्पल जैसे इंडियन ब्रांड्स को अब ब्रिटिश बाजारों में ड्यूटी फ्री एक्सेस मिल सकेगा।
Brand India को मिलेगी नई पहचान
इस ट्रेड डील से Brand India को दुनिया के कई देशों में अपनी छाप छोड़ने में मदद मिलेगी। भारतीय प्रोडक्ट्स, यूके के मार्केट में ड्यूटी फ्री एक्सेस पा सकेंगे। इससे न सिर्फ भारत के पारंपरिक हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलेगी बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत और महिला कारीगरों की पहचान को भी मजबूती मिलेगी।
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पहली बार ट्रेड पॉलिसी में महिलाओं के लिए अलग चैप्टर
भारत ने इस FTA में पहली बार जेंडर इक्वालिटी को लेकर अलग चैप्टर शामिल किया है। इसके तहत महिला उद्यमियों, महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसायों और महिला श्रमिकों को नए व्यापारिक अवसर मिलेंगे। UK सरकार ने कहा कि यह अध्याय महिलाओं के लिए UK-India FTA से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा।
भारत ने घटाया 90% टैरिफ, UK देगा इंडियन प्रोडक्ट्स को बड़ा मार्केट
भारत ने डील के तहत 90% टैरिफ में कटौती की है जिससे ब्रिटिश प्रोडक्ट्स पर एवरेज ड्यूटी 15% से घटकर 3% रह जाएगी। बदले में UK भारतीय टेक्सटाइल, फुटवियर और लेदर प्रोडक्ट्स को ज्यादा बाजार उपलब्ध कराएगा। 99% भारतीय एक्सपोर्ट आइटम्स अब ड्यूटी फ्री UK में एंटर कर सकेंगे।
महिला केंद्रित उद्योगों को मिलेगा सबसे बड़ा लाभ
यह समझौता खासतौर पर महिला-केंद्रित श्रम-गहन उद्योगों जैसे कपड़ा, जूता और हैंडलूम सेक्टर के लिए फायदेमंद होगा। ये उत्पाद अधिकतर महिला कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं जो अब UK में आसानी से निर्यात हो सकेंगे।
Prada विवाद बना मिसाल, Cultural Appropriation पर लगेगी लगाम
हाल ही में Prada द्वारा अपने 2026 के Menswear Collection में कोल्हापुरी चप्पलों की डिजाइन का उपयोग करने पर बड़ा विवाद हुआ था। बिना भारतीय हेरिटेज का उल्लेख किए इस डिजाइन को इस्तेमाल करना Cultural Appropriation का उदाहरण बना। इस FTA के ज़रिए भारत अब ऐसे शोषण पर नियंत्रण पा सकेगा।
रोज़गार बढ़ेगा, महिला आत्मनिर्भरता को मिलेगा बल
इस डील से भारत में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम मिलेगा। भारत का लक्ष्य है कि वह टेक्सटाइल और फुटवियर जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में दुनिया का टॉप सप्लायर बने।