सार
आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में भारत की पहली निजी सोने की खान शुरू होने के लिए तैयार है। 18 फरवरी को जन सुनवाई और अंतिम पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद यह परियोजना शुरू होगी। इससे सोने की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है।
सोने के शौकीनों के लिए एक खुशखबरी। भारत की पहली निजी सोने की खान शुरू होने के लिए तैयार है। आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले के जोंनगिरी इलाके में प्राइवेट प्लांट सोने की खदान और प्रसंस्करण के लिए तैयार हो रहा है। 18 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा जन सुनवाई और अंतिम पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद प्लांट शुरू हो जाएगा।
करीब दो साल पहले जियोमाइसोर और डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड ने सोने की खान की शुरुआती योजनाएँ शुरू की थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जन सुनवाई के बाद अंतिम पर्यावरण मंजूरी मिलने के तीन महीने के अंदर यहां से सोना उत्पादित होना शुरू हो जाएगा। इस क्षेत्र से सालाना कम से कम 750 किलोग्राम सोना उत्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने 1994 में कर्नूल जिले में पहली बार सोने के भंडार का पता लगाया था। इसके बाद निजी संस्थाओं को खोज कार्य करने के लिए आमंत्रित किया गया। लेकिन, शुरुआती अध्ययन को पूरा करने के लिए भी भारी निवेश की जरूरत थी, इसलिए कोई भी कंपनी आगे नहीं आई। 2005 में सरकार ने मुक्त लाइसेंस नीति के जरिए फिर से निजी कंपनियों की तलाश की।
आखिरकार, बेंगलुरु के जियो फिजिसिस्ट डॉ. मोदली हनुम प्रसाद के नेतृत्व वाली जियोमाइसोर सर्विसेज लिमिटेड ने 2013 में सोने की खोज के लिए शुरुआती लाइसेंस हासिल किया। लेकिन, कंपनी को पायलट प्रोजेक्ट चलाने के लिए सभी मंजूरियां मिलने में 10 साल लग गए।
इस बीच, डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड (डीजीएमएल) ने जियोमाइसोर के 40% शेयर खरीद लिए थे। कंपनी ने करीब 1,500 एकड़ जमीन लीज पर ली और तुग्गली, मद्दीकेरा क्षेत्रों से करीब 750 एकड़ जमीन खरीदकर 2021 में परीक्षण शुरू किए। साथ ही, डीजीएमएल ने एक छोटा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया और पायलट प्रोजेक्ट के लिए खोज कार्य शुरू किया।
करीब दो साल पहले प्लांट में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने वाली जियोमाइसोर और डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड ने आखिरकार प्लांट से व्यावसायिक रूप से सोना उत्पादित करने का फैसला किया। वे 2024 के दिसंबर तक व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करना चाहते थे। लेकिन, प्रयोगशाला की रिपोर्ट देर से आने के कारण इसमें फिर देरी हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी करीब 25 साल तक खनन गतिविधियां जारी रखेगी। फिलहाल भारत के कर्नाटक, झारखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र जैसे राज्यों में सोने का खनन हो रहा है।