सार

Anant Ambani Vantara Monthly Expenses: अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट के तहत जानवरों को प्राकृतिक माहौल और इलाज मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके लिए हर महीने कितनी रकम खर्च होती है? 

Anant Ambani Vantara Monthly Cost: मुकेश-नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी ने हाल ही में 10 अप्रैल को अपना 30वां बर्थडे द्वारका में सेलिब्रेट किया। अनंत जामनगर से द्वारका तक पैदल पहुंचे और भगवान द्वारकाधीश के दर्शन किए। अनंत अंबानी ईश्वर में गहरी आस्था रखने के साथ ही जानवरों के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने जानवरों के प्राकृतिक आश्रय के लिए गुजरात के जामनगर में 'वनतारा' नाम से एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट शुरू किया है। क्या आप जानते हैं इस प्रोजेक्ट पर हर महीने कितनी रकम खर्च होती है।

Vantara पर हर महीने कितना खर्च?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनंत अंबानी 'वनतारा' के लिए हर महीने 5 से 7 करोड़ रुपए खर्च करते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो इस प्रोजेक्ट के लिए सालाना खर्च 150 से 200 करोड़ रुपए बैठता है। इसमें जानवरों के लिए स्पेशल डाइट, इंटरनेशनल वेटेरनरी डॉक्टर्स की टीम का खर्च, एयर कंडीशंड मेडिकल यूनिट्स और मॉर्डर्न रिहैबिलिटेशन सेंटर का खर्च भी शामिल है। सबसे खास बात ये है कि इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग अनंत अंबानी खुद ही करते हैं। ये उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। कुछ हफ्तों पहले वनतारा को देखने खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जामनगर पहुंचे थे।

3000 एकड़ में जानवरों को मिलता है उनका नेचुरल घर

जामनगर में रिलायंस ग्रीन्स के पास 3000 एकड़ में फैले वनतारा किसी आलीशान रिसॉर्ट जैसा है। यहां हाथी, शेयर, तेंदुए, हिरण, कछुए, घोड़े और 100 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियों के जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास जैसा माहौल उपलब्ध कराया गया है। ये सभी जानवर अफ्रीका, थाईलैंड, अमेरिका और भारत से रेसक्यू किए गए हैं।

वनतारा में जानवरों के इलाज के साथ जंगल जैसी आजादी

अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट में रेस्क्यू किए गए जानवरों का इलाज तो किया ही जाता है। इसके साथ ही उन्हें जंगल जैसी आजादी का अनुभव हो, इसके सारे इंतजाम किए गए हैं। यही वजह है कि वनतारा को 'ताजमहल ऑफ एनिमल्स' भी कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल वनतारा में 200 हाथी, 300 तेंदुए, 300 हिरन और 1200 से ज्यादा मगरमच्छ, सांप और कछुओं की देखभाल की जा रही है। वनतारा प्रोजेक्ट के तहत, जानवरों को वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर मिल रही है।