सार
सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार नवंबर और अक्टूबर 2021 में 7 फीसदी और 7.75 फीसदी की तुलना में दिसंबर में भारत की बेरोजगारी दर 7.91 फीसदी के साथ चार महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। अगस्त में बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी के बाद से उच्चतम दर पर पहुंच गई है।
बिजनेस डेस्क। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर और अक्टूबर 2021 में 7 फीसदी और 7.75 फीसदी की तुलना में दिसंबर में भारत की बेरोजगारी दर 7.91 फीसदी के साथ चार महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। अगस्त में बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी के बाद से उच्चतम दर पर पहुंच गई है।
दिसंबर में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.30 फीसदी हो गई जबकि ग्रामीण रोजगार 7.28 फीसदी पर आ गई है। शहरी और ग्रामीण बेरोजगारी दोनों में पिछले महीने में क्रमश: 8.21 फीसदी और 6.44 फीसदी से उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। बेरोजगारी में वृद्धि को मौन आर्थिक गतिविधि और उपभोक्ता भावना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जो दुनिया भर में ओमाइक्रोन वैरिएंट के उभरने के बाद कोविड -19 मामलों के बढ़ने के कारण प्रभावित हुई है।
इस बीच, हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि शहरी भारतीयों में बेरोजगारी और कोरोनावायरस सबसे बड़ी चिंता है। दिसंबर के लिए इप्सोस व्हाट वर्रीज़ द वर्ल्ड ग्लोबल सर्वे के निष्कर्षों के अनुसार, लगभग 70% शहरी भारतीय भी मानते हैं कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, भारतीयों को बेरोजगारी की चिंता है और उनकी सूची में नौकरी की सुरक्षा की चिंता सबसे ऊपर है। दुनिया भर में, कोरोनवायरस एक बार फिर ओमाइक्रोन संस्करण के प्रसार के कारण चिंता का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारतीयों में, महामारी चिंता का तीसरा प्रमुख कारण है, पिछले महीने की तुलना में कोरोनवायरस के एक पायदान चढ़ने की चिंता है।
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