सार
अदाणी परिवार ने शांतिलाल अदाणी की 100वीं जयंती और गौतम अदाणी के 60वें जन्मदिन के मौके पर 60000 करोड़ रुपए दान करने का फैसला किया है। यह राशि हेल्थ केयर, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों की कमियों को दूर करने के लिए खर्च की जा सकेंगी। इससे आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।
अहमदाबादः शांतिलाल अदाणी की 100वीं जयंती और गौतम अदाणी के 60वें जन्मदिन पर अदाणी परिवार ने 60,000 करोड़ रुपए दान करने का फैसला किया (Gautam Adani and his Family Donated 60000 cr) है। दान की यह राशि कई सामाजिक कार्यों के लिए दी जा रही है। हेल्थ केयर, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों पर इन रुपयों को खर्च किया जाएगा। जिससे किसी भी क्षेत्र में आयी मी को दूर किया जा सकेगा। अदाणी परिवार का मानना है कि किसी भी क्षेत्र में कोई भी कमी रही तो 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए रुकावट साबित हो सकती है। अदाणी परिवार ने उन सभी कम्युनिटीज के साथ काम किया है, जो इन सभी क्षेत्रों में इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट पर काम करने का बेहतर एक्सपीरियेंस रखते हैं।
गौतम अदाणी ने कहा इस योगदान से खुश हूं
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, 'देश में हेल्थ केयर, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ाने में योगदान करने का अवसर मिलने के लिए खुशी महसूस कर रहा हूं। 24 जून को मेरा 60वां जन्मदिन होने के अलावा, यह वर्ष हमारे पिता शांतिलाल अदाणी की 100वीं जयंती का भी है। यह उस योगदान को और अधिक महत्व देता है जो हम एक परिवार के रूप में दे रहे हैं। हेल्थ केयर, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट से जुड़े कार्यक्रमों को बेसिक लेवल पर काम करना चाहिए। यह सामूहिक रूप से भारत के निर्माण में मोटिवेशनल बनते हैं'।
बदलाव की दिशा में अदाणी फाउंडेशन
उन्होंने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट की प्लानिंग और उसे ग्राउंड लेवल पर ले जाने का हमारा एक्सपीरियेंस और अदाणी फाउंडेशन के वर्क एक्सपीरियेंस से इन प्रोजेक्ट्स को बेहतर किया जा सकेगा। अदाणी परिवार के इस योगदान का उद्देश्य कुछ ब्रिलिएंट लोगों को आकर्षित करना है। वे लोग हमारे 'ग्रोथ विथ गुडनेस', 'अच्छाई के साथ विकास' की सोच को पूरा करने की दिशा में अदाणी फाउंडेशन से जुड़कर बदलाव लाने का जुनून रखते हैं।
अजीम प्रेमजी ने दी शुभकामनाएं
इस मौके पर विप्रो के संस्थापक, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के अध्यक्ष और समाजसेवी अजीम प्रेमजी ने कहा, 'गौतम अदाणी और उनके परिवार की सामाजिक परोपकार के प्रति जुनून एक उदाहरण पेश करता है। यह उदाहरण है कि हम सभी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत को अपने व्यावसायिक जीवन में भी ला रहे हैं। हमारे देश की चुनौतियों और संभावनाओं की मांग है कि हम धन, क्षेत्र, धर्म, जाति वगैरह को हटाकर एक साथ विकास के लिए काम करें। मैं गौतम अदाणी और उसके परिवार के इस राष्ट्रीय प्रयास के लिए शुभकामनाएं देता हूं'।
अदाणी फाउंडेशन ने जमीनी स्तर पर किया है काम
बता दें कि पिछले कई सालों से अदाणी फाउंडेशन ने विकास लक्ष्यों (SDG) के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ते हुए समाज की बदलती जरूरतों को समझा है। फिर चाहे वह स्थायी आजीविका, स्वास्थ्य और पोषण की बात हो या फिर सभी के लिए शिक्षा या पर्यावरण संबंधी चिंताओं का निपटारा करते हुए महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखने का मुद्दा हो, अदाणी फाउंडेशन ने जमीनी स्तर पर कई स्टेक होल्डर्स के साथ काम किया है। आज यह भारत के 16 राज्यों के 2,409 गावों में 3.7 मिलियन लोगों को अपनी सेवाओं के जरिये विकास के पथ से जोड़ रहा है।
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