सार

सीनियर एक्टर पंकज त्रिपाठी का कहना है कि पहले वह केवल हिंदी में अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट मांगने की स्थिति में नहीं थे, अब वह कर सकते हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, Pankaj Tripathi talks only in Hindi because of thi : बॉलीवुड में हिंदी फिल्में बनती हैं, लेकिन राज अंग्रेजी का चलता है। साउथ के मुकाबले हिंदी को बेहतर बताने वाले सेलेब्रिटी भी अपने ट्वीट और इंटरव्यु इंग्लिश में ही देना पसंद करते हैं।  वहीं हिंदी को उसकी प्रतिष्ठा दिलाने के लिए चरित्र अभिनेता पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने बीड़ा उठाया है। पंकज अब हिन्दी में बात करने की जिद करते हैं। ऐसा नहीं है कि वह अंग्रेजी नहीं जानते, वह केवल हिंदी में संवाद करना पसंद करते हैं। एक्टर ने साफ किया है कि वे इस विचार को पूरी तरह से बदलने के लिए तैयार हैं कि लाइफ में सक्सेस उस व्यक्ति के लिए असंभव है जो अंग्रेजी नहीं बोलता है।

 

मानसिकता को बदलना जरुरी
"यह औपनिवेशिक मानसिकता ( colonial mindset)  है, खास तौर पर  उत्तर भारत ( नॉर्थ इंडिया) में," पंकज त्रिपाठी कहते हैं, "मानसिकता यह है कि 'अगर सफलता पानी है, तो आपको अंग्रेजी आनी चाहिए, वरना आप विफल हो जाओगे'। लोग अंग्रेजी को जेंटलमेन  की भाषा समाज बैठे हैं, जबकि ये तो केवल औपनिवेशिक भाषा (colonial language) है। एजुकेटिड के लिए इंग्लिश  एक पैमाना बन गया है।  लोग सोचते हैं 'अंग्रेरेजी बोल रहा है, पढ़ा-लिखा होगा'।"

2004 में फिल्म रन के साथ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत करने वाले 46 वर्षीय एक्टर ने आगे कहा, "भाषा केवल कम्यूनिकेशन का एक तरीका है, न कि किसी के पास कितना ज्ञान है, इसका एक पैरामीटर नहीं है, वो हैंगओवर हट जाना चाहिए।"

इंग्लिश में मिलती थी स्क्रिप्ट 
 पंकज त्रिपाठी से जब पूछा गया कि इस इंडस्ट्री में कैसा माहौल है, उनसे पूछा गया कि सेट पर हिंदी या अंग्रेजी में बातचीत होती है, र उन्हें किस भाषा में स्क्रिप्ट मिलती है। इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें कभी हिंदी बोलने पर अजीब महसूस नहीं हुआ है। ना ही लोग इस पर रिएक्ट करते हैं।  "मैं सामान्य तौर कह सकता हूं कि हर कोई हिंदी बोलता है। दो-तीन फीसदी लोग हैं जो सेट पर कई अहम सेक्शन से ताल्लुक रखते हैं, वे अंग्रेजी में बात करते हैं। पहले, मुझे अपनी स्क्रिप्ट अंग्रेजी में मिलती थी, मैं हिंदी में स्क्रिप्ट मांगने या उनसे इस बारे में पूछने की स्थिति में नहीं था। होता ये था कि मुझे अपने सभी संवाद उसमें लिखने होते थे, क्योंकि मेरे लिए इसे याद रखना आसान था । आज, मुझे केवल हिंदी में ही मेरी स्क्रिप्ट मिलती है। 
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