सार
बिहार पुलिस ने आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पटना पुलिस ने दो आंतकियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन है। जबकि दूसरे के नाम अतहर परवेज है, जो कि पटना में धमाका करने वाले मंजर का भाई है।
पटना. बिहार में बड़े आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। पटना पुलिस ने बुधवार को आतंकी गतिविधि में शामिल और भारत को तोड़ने की साजिश रच रहे 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान हमला करने की साजिश रच रहे थे। वह हाल ही में पीएम के बिहार दौरे से 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ पहुंचे थे। यहां संदिग्ध आतंकियों की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी। इसी दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर पुलिस ने छापा मारकर संदिग्धों को नया टोला से पकड़ा है।
मिशन 2047 पर काम कर रहे थे दोनों आतंकवादी
बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी SDPO से भी जुड़े थे। पुलिस जांच के दौरान इनके बैंक अकाउंट से 80 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन मिला है। वहीं मामले की जांच कर रहे फुलवारी शरीफ के ASI मनीष कुमार ने बताया कि ये मिशन 2047 पर काम कर रहे थे। ये लोग भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे।
कौन हैं पकड़े गए दोनों आंतकी
बता दें कि पटना पुलिस ने जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन है। जबकि दूसरा उसका साथी अतहर परवेज है। जो कि पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का बड़ा भाई है। इन दोनों पर आरोप है कि मार्शल आर्ट और फिजिकल ट्रेनिंग देने के नाम पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे। दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि साजिश करने का भी आरोप लगा है।
हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना और देश विरोधी अभियान चलाना इनका उद्देशय था
फुलवारी शरीफ के ASI मनीष कुमार ने बताया कि दोनों पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की पाठशाला चला रहे थे। अतहर परवेज मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर मोहम्मद जलालुद्दीन के एनजीओ चला रहे थे। दोनों एनजीओ के नाम पर आतंक की फैक्ट्री चला रहे थे और उनका मुख्य उद्देश्य हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना था। इतना ही नहीं दोनों ने मुस्लिम युवाओं को हथियारों की ट्रेनिंग भी देते थे। बताया तो यह भी जा रहा है कि दोनों मिलकर सिमी के गुर्गे जो कि जेल में बंद हैं उनकी जमान भी करवाते थे। इनका मुख्य उद्देशय देश विरोधी अभियान चलाना था।
कई राज्यों के युवा आते थे ट्रेनिंग लेने...इस्लामिक देशों से होती थी फंडिंग
पुलिस ने बताया कि दोनों को 11 जुलाई को गिरफ्तार किया है। इनके ठिकानों से कई आपत्तिजनक बैनर पंफलेट, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। पिछले चार दिन से दोनों से पूछताछ की जा रही है। सबूत मिलने के बाद ही दोनों को मीडिया के सामने लाया गया।साथ ही इस बात का खुलासा भी हुआ है कि यह दोनों के पास केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और अन्य कई राज्यों के युवा ट्रेनिंग लेने के लिए आया करते थे। इसके अलावा इन दोनों संदिग्ध आतंकवादियों को पाकिस्तान समेत इस्लामिक देशों से पैसे की फंडिंग मिलती थी।