सार
अमेरिका और चीन के बाद भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग बन गया है। देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान भी बहुत बड़ा है। कुल GDP का 6 प्रतिशत ऑटोमोबाइल सेक्टर से आता है। यह तीन करोड़ लोगों को रोजगार देता है। वहीं, इस मामले में पाकिस्तान का हाल बेहद बुरा है। भारत का ऑटो सेक्टर लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। लेकिन गाड़ियों की ऊंची कीमतों के चलते पाकिस्तान में कार खरीदना आज भी बड़ी बात है।
पाकिस्तान में कारों की बिक्री की हालत कितनी खराब है, यह बिक्री के आंकड़ों से साफ पता चलता है। 2025 के मार्च महीने में जहां भारत में 3,85,842 यूनिट कारें बिकीं, वहीं पाकिस्तान में पूरे महीने में कुल 11,098 यूनिट गाड़ियां ही बिकीं। इनमें कार, पिकअप, हल्के कमर्शियल वाहन वगैरह शामिल हैं। मतलब भारत में एक दिन में जितनी कारें बिकती हैं, उतनी पाकिस्तान महीने भर में भी नहीं बेच पाता। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च में कारों की बिक्री में 8 प्रतिशत की गिरावट आई। इस वजह से वहां कई कार कंपनियों ने प्रोडक्शन बंद कर दिया है, साल भर में मुश्किल से एक लाख यूनिट ही बिक रही हैं।
बाइक की बिक्री में भी पाकिस्तान पीछे है। पाकिस्तान में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की सालाना बिक्री में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। लेकिन महीने दर महीने बिक्री में तीन प्रतिशत की कमी आई। 2025 के मार्च में पाकिस्तान में कुल 1,25,311 यूनिट टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर बिके। वहीं भारत के टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की बिक्री के आंकड़ों की बात करें, तो सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 16,56,939 यूनिट टू-व्हीलर और 62,813 यूनिट थ्री-व्हीलर बिके। सिर्फ Honda Activa की बिक्री की बात करें तो मार्च में 1.90 लाख यूनिट बिकीं, जो पाकिस्तान की कुल टू-व्हीलर बिक्री से कहीं ज्यादा है।
पाकिस्तान में कौन-कौन सी कार कंपनियां पॉपुलर हैं?
पाकिस्तान में ज्यादातर गाड़ियां लाइसेंस के तहत लोकल कंपनियां बनाती हैं। सबसे बड़ा ब्रांड Suzuki है, जो Mehran, Bolan, Cultus, Swift जैसी कारें बनाती है। इसके अलावा Toyota की Corolla, Fortuner, Honda की City, Civic, Kia की Picanto, Sportage भी पॉपुलर मॉडल हैं। फिर भी, बिक्री और मुनाफा कम होने की वजह से बड़ी विदेशी कंपनियां पाकिस्तान में ज्यादा निवेश करने से हिचकिचाती हैं।