सार
चीन के साउथवेस्ट जियाओतोंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने फ्लाइंग कार बनाया है। कार मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी से हवा में तैरती है। टेस्ट के दौरान एक कार अधिकतम 230 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक पहुंच गई।
बीजिंग। चीन ने मैग्नेटिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर उड़ने वाली कार (Flying car) बनाई है। इस कार की अधिकतम रफ्तार 230 किलोमीटर प्रतिघंटा है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार सिचुआन प्रांत के चेंगदू में स्थित साउथवेस्ट जियाओतोंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने फ्लाइंग कार बनाया है। पिछले सप्ताह सड़क पर कार का टेस्ट किया गया। कार कंडक्टर रेल से 35 मिलीमीटर ऊपर मैग्नेटिक फिल्ड की शक्ति से तैरती है।
शोधकर्ताओं ने कार के निचले हिस्से में ताकतवर मैग्नेट लगाए थे। इसकी मदद से कार लगभग 5 मील लंबी कंडक्टर रेल पर दौड़ी। मैग्नेटिक टेक्नोलॉजी पर तैयार किए गए आठ कारों का टेस्ट किया गया। इनमें से एक कार अधिकतम 230 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंची।
230 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंची रफ्तार
टेस्ट में शामिल कारों को हवा में उठाने के लिए मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी या मैग्लेव का इस्तेमाल किया गया। आठों गाड़ियों में ताकतवर चुंबक लगाए गए थे। इन गाड़ियों को 8 किलोमीटर लंबे रेल पर टेस्ट किया गया। इनमें से एक कार 230 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक पहुंच गई। एक चीनी पत्रकार ने हवा में तैरती कार का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया है।
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1980 से हो रहा मैग्लेव तकनीक का इस्तेमाल
सिन्हुआ के अनुसार सरकारी परिवहन अधिकारियों ने हाई-स्पीड ड्राइविंग सुरक्षा उपायों पर शोध करने के लिए ये प्रयोग किए। 1980 के दशक से मैग्लेव तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। चीन, दक्षिण कोरिया और जापान में मैग्लेव ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसमें चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल किसी वस्तु को वह हवा में उठाने और उसे आगे बढ़ाने में होता है।
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