सार
अदानी ग्रुप ने भारत के पहले हाइड्रोजन पावर्ड ट्रक को हरी झंडी दिखा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदानी ग्रुप इस ट्रक का इस्तेमाल खनन लॉजिस्टिक्स के लिए करेगा, जिससे पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी। भारत का यह पहला हाइड्रोजन ट्रक छत्तीसगढ़ में लॉन्च किया गया है। 40 टन तक सामान ढोने की क्षमता वाला यह ट्रक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बताया जा रहा है कि इस ट्रक का इस्तेमाल गारे पाल्मा ब्लॉक से राज्य के बिजली संयंत्र तक कोयला ढोने के लिए किया जाएगा।
अदानी ग्रुप का कहना है कि कंपनी अपने लॉजिस्टिक्स कार्यों में मौजूदा डीजल ट्रकों की जगह धीरे-धीरे इन हाइड्रोजन ट्रकों का इस्तेमाल करेगी और आने वाले समय में इनकी संख्या बढ़ाएगी। कंपनी का दावा है कि हाइड्रोजन से चलने वाला यह ट्रक एक बार चार्ज करने पर 200 किलोमीटर तक चल सकता है। इस ट्रक में तीन हाइड्रोजन टैंक लगे हैं। इसे डीजल पावर्ड भारी वाहनों की लोड क्षमता और रेंज के हिसाब से टक्कर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कंपनी का दावा है कि यह हाइड्रोजन ट्रक बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा। पारंपरिक डीजल ट्रक जो कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य प्रदूषक छोड़ते हैं, उनके विपरीत, हाइड्रोजन ट्रक केवल जल वाष्प और गर्म हवा छोड़ते हैं। इसे वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में सबसे स्वच्छ विकल्प माना जा रहा है। इससे प्रदूषण में काफी कमी आती है।
हाइड्रोजन ईंधन सेल एक इलेक्ट्रोकेमिकल प्रक्रिया के माध्यम से काम करते हैं। यह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को बिजली में बदल देता है। इसमें उप-उत्पाद के रूप में केवल पानी और गर्मी निकलती है। जब हाइड्रोजन ईंधन सेल में प्रवेश करता है, तो यह प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों में विभाजित हो जाता है। प्रोटॉन एक झिल्ली से होकर गुजरते हैं जबकि इलेक्ट्रॉनों को एक सर्किट के माध्यम से भेजा जाता है जिससे बिजली पैदा होती है। यह बिजली वाहन की इलेक्ट्रिक मोटर को शक्ति प्रदान करती है और वाहन चलता है। इस दौरान वाहन से केवल पानी निकलता है।