सार
भगवान शिव के अनेक मंदिर हमारे देश में है, लेकिन इन सभी में 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश में गंगा तट पर बसे काशी में स्थित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Kashi Vishwanath) की महिमा कई धर्म ग्रंथों में बताई गई है।
उज्जैन. ऐसा कहा जाता है कि जो भी एक बार काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के एक बार दर्शन कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है यानी उसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। शिवपुराण में कहा गया है कि प्रलय होने पर भी काशी अपने स्थान पर अडिग रहेगी क्योंकि स्वयं महादेव इसकी रक्षा करेंगे। हाल ही में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, जिसके चलते इसका वैभव देखते ही बनता है। लिंगपुराण कई कई ग्रंथों में भी इस स्थान का महत्व बताया गया है।
घर बैठे करें लाइव दर्शन (Kashi Vishwanath Live Darshan)
इस समय भगवान शिव का प्रिय सावन मास चल रहा है जो 11 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में काशी विश्वनाथ के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। हर कोई बाबा विश्वनाथ की एक झलक लाने के लिए घंटों तक लाइन में लगा रहता है। सावन के इस पवित्र मौके पर हम आपके लिए लाए हैं, घर बैठे बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के लाइव दर्शन का मौका…
ये है पौराणिक कथा (Kashi Vishwanath Ki Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, विवाह के भगवान शंकर कैलाश पर आकर रहने लगे और देवी पार्वती अपने पिता हिमालय के घर। ये बात देवी पार्वती को अच्छी नहीं लगी, तब उन्होंने शिवजी से कहा कि आप मुझे अपने घर ले चलिए। देवी पार्वती की बात सुनकर महादेव उन्हें अपे साथ लेकर काशी आ गए और विश्वाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए।
इतिहास के आइने में काशी विश्वनाथ
1. बाबा विश्वनाथ का मंदिर कितना पुराना है, इसके बारे में अधिक जानकारी तो नहीं मिलती, लेकिन इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने 1777 में काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया, इस बात का उल्लेख कई जगह मिलता है।
2. 1853 में पंजाब के राजा रणजीत सिंह ने 22 टन सोने से मंदिर के शिखरों को स्वर्णमंडित करवाया था, लेकिन औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था।
3. काशी अपने घाटों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। इनमें दशाश्वमेध घाट, मणिकार्णिका घाट, हरिश्चंद्र घाट और तुलसी घाट आदि शामिल हैं। इन घाटों से कई प्राचीन कथाएं जुड़ी हैं जो इन्हें खास बनाती हैं।
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