सार
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी (Ram Navami 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 10 अप्रैल, रविवार को है। इस दिन पूरे देश में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। प्रमुख राम मंदिरों में विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।
उज्जैन. वैसे तो भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित कई धर्म ग्रंथ लिखे गए हैं, लेकिन उन सभी में महर्षि वाल्मीकि (Valmiki Ramayana) द्वारा रचित रामायण को सबसे अधिक प्रमाणिक माना गया है। लेकिन जो रामायण सबसे ज्यादा प्रचलित हैं वो है गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas)। इस ग्रंथ में तुलसीदास ने भगवान श्रीराम के जीवन का सबसे सुंदर वर्णन किया है। अन्य भाषाओं के विद्वानों ने भी रामायण पर आधारित कई रचनाएं लिखी हैं। श्रीराम नवमी के मौके पर हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं…
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1. वाल्मीकि कृत रामायण
भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित ये ग्रंथ सबसे अधिक प्रमाणिक माना जाता है क्योंकि महर्षि वाल्मीकि श्रीराम के समकालीन थे और उन्हीं के द्वारा रचित रामायण लव-कुश ने श्रीराम के दरबार में सुनाई थी। इस ग्रंथ की रचना संस्कृत में की गई है। श्रीराम के जीवन पर आधारित यही मूल ग्रंथ माना जाता है। इसमें तिथि, नक्षत्र आदि से जुड़ी कई रोचक जानकारी भी दी गई है।
2. श्रीरामचरित मानस
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस सबसे अधिक प्रचलित है। अखंड रामायण पाठ के दौरान इसी का वाचन किया जाता है। इसकी रचना अवधी भाषा में की गई है जो उस समय की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा थी। इस ग्रंथ में भगवान श्रीराम के जीवन का जितना सुदंर वर्णन किया गया है, उतना किसी अन्य ग्रंथ में नहीं मिलता।
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3. कम्बन रामायण
इसे रामावतारम् या कंब रामायण भी कहा जाता है। इसकी रचना तमिल के विद्वान कवि कंबन ने की है। इसे तमिल साहित्य का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ भी कहा जाता है। इस ग्रंथ की रचना करने वाले कवि को कंबन को "कविचक्रवर्ती" की उपाधि दी गई है। तमिल भाषा में लिखी कम्बन रामायण दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित है।
4. आनंद रामायण
ये रामायण मूल रामायण से बिल्कुल अलग है। इसके प्रसंग अतिश्योक्ति पूर्ण हैं। इस रामायण के 9 कांड है। पहले में 13, दूसरे में 9, तीसरे में 9, चौथे में 9, पांचवें में 9, छठे में 9, सातवें में 24, आठवें में 18, नौवें में 9 सर्ग है।
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5. इनके अलावा अन्य भाषाओं में भी भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े ग्रंथ मिलते हैं जैसे असमी रामायण, विलंका रामायण, पंप रामायण, कश्मीरी रामायण, रामायण पांचाली आदि। एक जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में 300 से ज्यादा रामायण प्रचलित हैं। इनमें उर्दू, फारसी और अरबी भाषा में लिखे गए ग्रंथ में शामिल हैं।
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