सार

Hindu Traditions: किचन घर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर यहां के वास्तु में कोई दोष हो तो इसका असर पूरे परिवार के लोगों पर दिखाई देता है। किचन में सबसे ज्यादा समय महिलाएं बीताती हैं, इसलिए इन्हें कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

उज्जैन. हिंदू धर्म में किचन को देवी अन्नपूर्णा का निवास स्थान माना जाता है। हमेशा यही कामना की जाती है देवी अन्नपूर्णा की कृपा से हमारे घर में धन-धान्य की कमी न हो। किचन से जुड़ी कई बातें और भी खास बना देती हैं। किचन का वास्तु ठीक न हो तो भी कई तरह की परेशानियों का सामना परिवार के लोगों को करना पड़ता है। वहीं किचन की छोटी-छोटी गलतियां हमारे दुर्भाग्य का कारण भी बन सकती है। आगे जानिए किचन में कौन-सा बर्तन कभी खाली नहीं रहना चाहिए…

ये बर्तन खाली होना दुर्भाग्य की निशानी
किचन में कई सारे बर्तन होते हैं। इनमें से कुछ में दालें तो कुछ में मसाले होते हैं। ऐसा ही एक बर्तन होता है जिसमें रोटियां रखी जाती हैं। ये बर्तन कभी भी खाली नहीं रहना चाहिए। यानी इसमें रोटियां हमेशा रखी होनी चाहिए। इस बर्तन का खाली होना दुर्भाग्य की निशानी होता है। अगर घर के सभी लोग खाना खा लें तो भी इसमें 1-2 रोटी रखी ही होनी चाहिए। जिस बर्तन में आप रोटियां रखते हैं,  उसे धोएं और जब तक से सूखें सिर्फ इतनी देर ही ये खाली रहे। सूखने के बाद इसमें रोटियां रख दें।

रोटी न हो तो रख सकते हैं चावल 
अगर किसी कारणवश ऐसा हो जाए कि इस बर्तन में रखने के लिए रोटी न हो तो इस स्थिति में थोड़े चावल इसमें रख दें। चावल शुक्र का अन्न है। शुक्रदेव की कृपा से ही जीवन में सुख और संपत्ति हमें प्राप्त होती है। चावल को हविष्य अन्न भी कहते हैं यानी जिसका उपयोग हवन और यज्ञ आदि में किया जाता है। चावल का उपयोग कई शुभ कार्यों और पूजा में भी किया जाता है। इसलिए अगर रोटी के बर्तन को खाली रखने की स्थिति बने तो इसमें कुछ समय के लिए चावल रख सकते हैं। 

ऐसे घरों में दुर्भाग्य देता है दस्तक
जिन घरों में रोटी रखने का बर्तन अक्सर खाली रखा जाता है, वहां दुर्भाग्य दस्तक देने लगता है। देवी अन्नपूर्णा भी ऐसे घर को छोड़कर चली जाती है और धीरे-धीरे उस घर के सदस्यों की आमदनी घटने लगती है। किचन का बर्तन देखने में भले ही बहुत साधारण लगे, लेकिन ये बहुत खास होता है क्योंकि इसी से परिवार के हर सदस्य को भोजन प्राप्त होता है और एनर्जी मिलती है। 


 

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