सार
Christmas 2022: दुनिया भर में क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। ये फेस्टिवल प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये ईसाइ समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन चर्च में विशेष आयोजन भी किए जाते हैं।
उज्जैन. हर साल की तरह इस साल भी क्रिसमस (Christmas 2022) का त्योहार 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। इस बार रविवार के फेस्टिवल होने से इसका आनंद और भी बढ़ गया है। ईसाई मान्यता के अनुसार, इसी दिन ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। इस दिन प्रभु यीशु की शिक्षाओं को याद किया जाता है और उन्हें अपने जीवन में उतारने के लिए संकल्प लिया जाता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। आगे जानें, प्रभी यीशु से जुड़ी खास बातें और संदेश…
जानें प्रभु यीशु से जुड़ी खास बातें…( Special things related to Lord Jesus)
- ईसाई मान्यताओं के अनुसार, प्रभु यीशु का जन्म बेतलेहम (जोर्डन) में कुँवारी मरियम के गर्भ से हुआ था। उनके पिता का नाम युसुफ था, जो पेशे से बढ़ई थे।
- यहूदी विद्वान यूहन्ना से भेंट होना यीशु के जीवन की महत्वपूर्ण घटना थी। यीशु ने यूहन्ना से दीक्षा ली और इसकी के बाद उनका आध्यात्मिक जीवन शुरू हुआ।
- जब यीशु के चमत्कारों से सभी लोग उनसे प्रभावित होने लगे। यीशु स्वयं को परमपिता ईश्वर का पुत्र कहते थे। यीशु का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ने लगा।
- यीशु को लोकप्रियता से घबराकर धर्माधिकारियों ने लोगों को उनके खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। राजा भी इनमें शामिल थे।
- एक दिन यीशु के ही एक शिष्य ने धोखा देकर उन्हें पकड़वा दिया। ईश्वर की निंदा करने का आरोप लगाकर उन्हें प्राणदंड दे दिया गया।
- मृत्यु के तीसरे दिन यीशु पुन: जीवित हो उठे। मृत्यु के उपरांत पुन: जीवित हो जाना उनकी दिव्य शक्तियों एवं क्षमताओं का प्रतीक था।
ये हैं यीशु के 7 अनमोल वचन…( These are the 7 words of Jesus)
1. कभी हत्या न करों, जो हिंसा करेगा सजा पाएगा। कभी गुस्सा न करो, जो गुस्सा करेगा सजा पाएगा।
2. कभी व्याभिचार न करना। यदि कोई किसी महिला पर कुदृष्टि डाले तो यह व्याभिचार है।
3. कभी शपथ मत खाओ। क्योंकि तू एक बाल को भी काला या सफेद नहीं कर सकता।
4. जो तुम्हारे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे उसकी ओर दूसरा गाल भी कर दो। हिंसा न करो।
5. कभी किसी पर दोष न लगाओ। तुम किसी पर दोष लगाओगे तो तुम पर भी दोष लगाया जाएगा।
6. गरीबों की सेवा करों। किसी से मुफ्त मत लो। अपने प्राण बचाने की जगह दूसरों के प्राण बचाओं।
7. सबसे श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढ़क देता है।
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