सार
आचार्य चाणक्य अपने समय के महान विद्वान थे। उन्होंने ने सिर्फ मगध की राजगद्दी से धनानंद नामक अयोग्य शासक को हटाया बल्कि एक देश को एक सूत्र में पिरोकर अंखड भारत का सपना साकार किया।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य ने एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को उच्च शिक्षा देकर भारत का सम्राट बनाया। उस समय भारत देश की सीमाएं दूर-दूर तक फैली हुई थीं। कोई भी विदेश आक्रांता भारत की ओर देखने की हिम्मत नहीं करता था। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया, जिसे चाणक्य नीति कहते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में महिलाओं के स्वभाव से जुड़ी 5 बुरी आदतों के बारे में बताया है। ये आदतें महिलाओं में जन्म से ही होती है। इस संबंध में चाणक्य नीति का ये श्लोक प्रचलित है…
अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता।
अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषा: स्वभावजा:।।
अर्थ- झूठ बोलना, अत्यधिक साहस, छल करना, बेवकूफी करना, लालच और निर्दयता ये दोष महिलाओं के स्वभाव में जन्म से ही होते हैं।
झूठ बोलना: इस श्लोक में आचार्य ने कहा है कि अधिकांश स्त्रियां बात-बात पर झूठ बोलती हैं। झूठ बोलने के स्वभाव के कारण स्त्रियां कई बार मुसीबत में भी फंस जाती हैं। ये अवगुण महिलाओं में जन्म से ही होता है।
अत्यधिक साहस: महिलाएं कई बार ऐसा काम कर देती हैं, जिसके बारे में सोचना भी किसी के लिए मुश्किल होती है। साहसी होना अच्छी बात है, लेकिन अत्यधिक साहस कई बार मुसीबत का कारण बन सकता है।
छल करना यानी धोखा देना: चाणक्य नीति के अनुसार, महिलाओं में छल करने का अवगुण जन्म से ही होता है। महिलाएं अक्सर लोगों को चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर लेती हैं और समय आने पर पहचानने से भी इंकार कर देती हैं।
मूर्खतापूर्ण काम करना: कभी-कभी महिलाएं बिना सोचे-समझे मूर्खतापूर्ण काम कर बैठती हैं, जिसकी वजह से उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। बिना सोचे-समझे काम करना या किसी बातों में आकर काम करना ये अवगुण महिलाओं में स्वभाव से ही होते हैं।
लालच: आमतौर पर ज्यादातर महिलाएं धन की लोभी होती हैं। उन्हें धन और स्वर्ण के प्रति खासा लगाव रहता है। धन लालच में कुछ स्त्रियां सही-गलत का भेद भूल जाती हैं। यही अवगुण महिलाओं को गलत रास्ते पर भी ले जाता है।
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डिसक्लेमर- ये आर्टिकल चाणक्य नीति से लिया गया है। एशियानेट.हिंदी इन बातों का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करता।