सार
हमारे धर्म ग्रंथों में अनेक दिव्यास्त्रों के बारे में बताया गया है। इनमें से कुछ अस्त्र महाभयंकर और विनाशकारी थे, जिनसे सृष्टि के अंत होने का खतरा बना रहता है।
उज्जैन. आधुनिक संदर्भ में इन अस्त्रों को परमाणु बम से भी अधिक शक्तिशाली माना जाता है। इनमें से सबसे खतरनाक अस्त्र ब्रह्मास्त्र (brahmastra) को माना जाता है। हाल ही में इस नाम से एक मूवी (Brahmastra Movie) भी बन रही है, जिसमें रणवीर कपूर (Ranveer Kapoor) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) मुख्य भूमिकाओं में है। अगर धर्म ग्रंथों की बात को सच माना जाए तो उस समय के अस्त्र आज के समय से भी अधिक विध्वंसकारी होते थे। रामायण (Ramayana) में भी कई बार ब्रह्मास्त्र का वर्णन मिलता है। उस समय भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) के अलावा अन्य योद्धाओं के पास भी ब्रह्मास्त्र मौजूद था और की बार उसका उपयोग भी किया गया। भगवान श्रीराम को ब्रह्मास्त्र किसने और क्यों दिया, इसकी जानकारी इस प्रकार है…
इन ऋषि ने दिये थे श्रीराम को दिव्यास्त्र
धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवताओं से दिव्यास्त्र पाने के लिए कठिन तपस्या करनी पड़ती थी, लेकिन भगवान श्रीराम को ये सभी अस्त्र-शस्त्र बिना तपस्या के ही प्राप्त हो गए थे। रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम को ये सभी दिव्यास्त्र ऋषि विश्वामित्र ने प्रदान किए थे। क्योंकि उस समय धरती पर राक्षसों का आतंक था और वे ऋषि-मुनियों की साधना में रुकावट पैदा करते थे और उन्हें यज्ञ-हवन आदि भी नहीं करने देते थे। तब असुरों का वध करने के लिए ऋषि विश्वामित्र (Rishi Vishwamitra) श्रीराम और लक्ष्मण को अपने साथ लेकर आए और ब्रह्मास्त्र सहित कई दिव्यास्त्र भगवान श्रीराम को प्रदान किए।
इन्हीं अस्त्रों से श्रीराम ने किया था असुरों का अंत
ऋषि विश्वामित्र से दिव्यास्त्र प्राप्त करने के बाद भगवान श्रीराम ने ताड़का नामक राक्षसी का वध किया और उसके पुत्र मारीच को बाण मारकर इतनी दूर फेंक दिया कि वो दोबारा ऋषियों के हवन में रुकावट डालने के लिए न आ पाए। इसके बाद श्रीराम ने अन्य राक्षसों का वध भी इन्हीं दिव्यास्त्रों के माध्यम से किया। श्रीराम ने समय-समय पर इन अस्त्रों का प्रयोग भी किया। जब समुद्र पार जाने के लिए मार्ग नहीं मिला तो श्रीराम ने समुद्र सुखाने के लिए दिव्यास्त्र का संधान किया था, लेकिन क्षमा मांगने और समुद्र पार जाने की युक्ति बताने श्रीराम ने उसे क्षमा कर दिया। और भी कई मौकों पर श्रीराम ने इन दिव्यास्त्रों के माध्मय से असुरों का अंत किया।
भगवान श्रीराम के पास थे ये दिव्यास्त्र
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, ऋषि विश्वामित्र ने भगवान श्रीराम को जो अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए, उसकी सूची इस प्रकार है- दण्डचक्र, धर्मचक्र, कालचक्र, इन्द्रचक्र, वज्रास्त्र, शिव जी का शूल, ब्रह्मशिर, ब्रह्मास्त्र, मोदकी व शिखर नाम की गदाएँ, नारायणास्त्र, आग्नेयास्त्र, वायव्यास्त्र, हयशिरास्त्र एवं क्रौंच अस्त्र, धर्मपाश, कालपाश एवं वरुणपाश, खड्ग, मोहन, प्रस्वापन, प्रशमन, सौम्य, वर्षण, सन्तापन, विलापन, मादनास्त्र, गन्धर्वास्त्र, मानवास्त्र, पैशाचास्त्र, तामस और अद्वितीय सौमनास्त्र।
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