जी20 के देशों ने दिल्ली घोषणापत्र (Delhi G20 Declaration) को अपनाया है। इसमें यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की निंदा से परहेज किया गया है। 37 पेज के दस्तावेज में इस्तेमाल की गई भाषा एक साल पहले बाली घोषणा में इस्तेमाल की गई भाषा से बिल्कुल अलग है।
इंस्टाग्राम पर अनुपम ने देश को अब वर्ल्ड लीडर बनने के लिए बधाई देते हुए एक बड़ा मैसेज संदेश पोस्ट किया है। इसमें पीएम मोदी की तस्वीर लगी है, जो डिफरेंट कंट्री देशों के झंडे के साथ जी20 के लिए रेड कार्पेट पर चल रहे हैं।
वेलकम स्टेज के बैकग्राउंड में देश के प्राचीन मोनास्टिक यूनिवर्सिटी नालंदा महाविहार की इमेज लगी थी। यहीं पर प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने आ रहे मेहमानों का औपचारिक स्वागत किया।
एशियानेट न्यूज ने पूर्व और पश्चिम को मनाने की पुष्टि समिट शुरू होने के पहले ही कर दी थी।
इस परियोजना को कई महीनों के गंभीर मंथन, कूटनीतिक प्रयास, द्विपक्षीय व बहुपक्षीय चर्चाओं के बाद लांच किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। डिप्टी एनएसए फाइनर ने दिल्ली में बताया कि यह बड़ी संभावनाओं वाली परियोजना है।
देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे जी20 समिट के दौरान भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। क्योंकि जी-20 अब जी-21 बन चुका है। क्योंकि इसमें एक और संघ को शामिल कर लिया गया है।
भारत की अध्यक्षता में 73 आउटकम आए हैं और अबतक का सबसे अधिक 39 डॉक्यूमेंट्स एनेक्स्ड किए गए हैं।
G20 Summit 2023: G20 शिखर सम्मेलन के घोषणा पर आम सहमति बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने इसके लिए सभी को धन्यवाद दिया।
जी20 की शुरुआत वैसे तो 1999 में ही हो गई थी लेकिन वैश्विक नेताओं की बैठक की शुरुआत 2008 में हुई। इसके बनने के पीछे दुनिया का तेल संकट और एशिया के आर्थिक संकट की भूमिका अहम रही है।
प्रधानमंत्री, दो दिन की समिट के दौरान करीब 15 लीडर्स के साथ द्विपक्षीय मीटिंग करेंगे।